पर्यटकों से गुलजार पहाड़ों की रानी हुई वीरान

कारोबारी बोले कोरोना के समय देखा था ऐसा मंजर।

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

प्रदेश में इस वर्ष आसमानी आफत इस कदर बरसी की जहां इस जलजले में सैंकड़ो जिंदगियां लील हो गईं वहीं अगर आंकड़ों की बात की जाए तो सरकार के अनुसार यह नुकसान लगभग दस हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस आपदा से जहां पूरा प्रदेश जूझ रहा है। वहीं पर्यटकों से गुलज़ार रहने वाली पहाड़ों की रानी वीरान नजर आ रही। भले ही धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटने का प्रयास कर रही है लेकिन पर्यटकों से नदारद हुई राजधानी के कारोबारी मंदी की मार से जूझ रहे हैं।

जहां पर्यटकों के न आने से पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। वहीं शिमला के कारोबारी भी मंदी की मार झेल रहे है। कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के समय ऐसा सूरते हाल कारोबार का देखा था। ऐसी बारिश उन्होंने कभी नही देखी जिसके कारण उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।अब आस है कि जल्द सड़के खुले और प्रदेश के साथ राजधानी पर्यटकों से गुलजार हो जाये जिससे फिर उनका कारोबार पटरी पर लौट सके।

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व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष इंडेर्जितबसिंघ ने कहा कि आज से पहले कभी इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा नही देखी।प्रदेश में जगह जगह भूस्खलन होने के कारण प्रदेश की सड़कें जगह जगह बन्द हो गयी और कई जगह से टूट गयी।जिसके कारण पर्यटक प्रदेश में नही आ सके। पर्यटन कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ। जहां होटल खाली रहे वहीं पर्यटकों के न आने के कारण स्थानीय कारोबारियों का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के कारण ही छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों का कारोबार शिमला में चलता है। जिस कारण राजधानी के सभी छोटे-बड़े कारोबारी मंदे की मार झेल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर सड़को को दुरुस्त करने का कार्य कर रही है उम्मीद है जल्द ही कारोबार पटरी पर लौट आएगा। वहीं घोड़ा स्थानीय कारोबारी सहित घोड़ा चालक, टैक्सी ड्राइवर व फोटोग्राफर्स ने कहा कि के वर्षों से वह अहिमल में कारोबार कर रहें हैं।

परंतु ऐसी बरसात उन्होंने आज से पहले कभी नही देखी।ऐसी मंदी आज से पहले कोरोना के एमी पड़ी थी लेकिन अब एक बार फिर उसी प्रकार की मंदी की मार वह झेल रहे है। घोड़ा चालक ने कहा कि अब तो घोड़े का खर्चा निकालना भी कठिन हो गया है। टैक्सी ड्राइवर भी इस मंदी से अछूते नही रहे उन्होंने कहा सड़कों के दुरुस्त न होने के कारण सुबह से शाम तक काम नही हो रहा। वहीं फोटोग्रफर्स ने कहा कि पर्यटकों के न आने के कारण उनका कारोबार तो बुरी तरह चौपट हो गया है। वहीं शिमला होटल्स एंड टूरिज्म स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा अमूमन इस समय होटल्स में 40 से 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी रहती थी लेकिन इस वर्ष आपदा के कारण कारोबार प्रभावित हुआ है।उन्होंने कहा कि सरकार सड़कों को दुरुस्त करने में लगी कुछ पर्यटक अब शिमला का रुख कर रहे हैं ।जल्द ही कारोबार सामान्य होने की उम्मीद है।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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