चंबा : हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला की पियुहरा पंचायत के बच्चे अपनी जान पर खेल कर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके रास्ते को पार कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छतराड़ी में पहुंचने के लिए मजबूर हैं। परोली में एक महिने पहले भूस्खलन हुआ था जिसके चलते यहां का पैदल चलने वाला रास्ता पूरी तरह से टूट गया था और अब हालात ऐसे हैं की स्कूल जाने के लिए इन नन्हें नौनिहालों को रोज अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है तब जाकर ये क्षतिग्रस्त रास्ता पूरा कर पाते हैं।
वहीं हैरान करने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है। जहां एक ओर अपने उज्जवल भविष्य के लिए ये स्कूली बच्चे अपने आज को खतरे में डाल रहे हैं तो वहीं प्रशासन आंख मूंद कर बैठा है। गौरतलब है कि क्षतिग्रस्त रास्ते को लेकर पंचायत स्तर पर पास कर भेजे गए प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है, जबकि इस रास्ते पर जान का खतरा बना हुआ है और कभी भी कोई भी घड़ी बड़े हादसे को दावत दे सकती है। जिसका खामियाजा स्कूली बच्चों सहित यहां से होकर गुजरने वाले ग्रामीणों को उठाना पड़ेगा। परेशान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि विभागीय अधिकारियों को परोली में क्षतिग्रस्त रास्ते की मरम्मत करवाने के लिए निर्देश जारी किए जाएं जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
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योगराज, प्रकाश चंद, दिलीप कुमार, सुरेंद्र, रंजीत कुमार, अमित कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि पियुहरा पंचायत को छतराड़ी से जोड़ने वाला रास्ता चौंड़ माता मंदिर के पास परोली नामक स्थान पर भूस्खलन के कारण पूरी तरह से टूट गया है। पियुहरा पंचायत से छतराड़ी स्कूल में करीब 60 छात्र पढ़ने जाते हैं। अब हालात यह हैं कि यहां से होकर गुजरने वाले बच्चों को पकड़कर रास्ता पार करवाना पड़ रहा है जबकि जान का जाने का खतरा हमेशा बच्चों और यहां के ग्रामीणों के सर पर मंडराता रहता है।
अगर इस क्षतिग्रस्त रास्ते को पार करते समय जरा सी चूक हो जाए तो हर क्षणभर में बड़े हादसे का कारण बन सकती है। ग्रामीणों का कहना है कई बार पंचायत प्रतिनिधि और विभाग को इस समस्या के बारे में अवगत करवाया जा चुका है लेकिन अभी तक उनकी समस्या पर न तो गौर किया गया और न ही उनकी समस्या का समाधान किया गया है। छतराड़ी पंचायत प्रधान महंतो राम ने बताया कि पंचायत की ओर से क्षतिग्रस्त रास्ते को लेकर प्रस्ताव पारित कर संबंधित विभाग को स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है लेकिन विधानसभा चुनावों के मध्यनजर लगी आदर्श आचार संहिता के कारण कार्य अधर में ही लटका हुआ है।