सात माह से कांगड़ा में कहां है सरकार?: चक्षु

पूर्व के विकास कार्यों को सही अर्थों में ज़मीन में उतारने में भी फेल कांगेस सरकार

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

सात माह से राज्य के सबसे बड़े ज़िला कांगड़ा में ही आम व खास को यही कहते हुए सुना जा रहा है कि सरकार कहां है? हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मीडिया कोर्डिनेटर एवं वर्तमान भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी विश्व चक्षु ने कहा कि ज़िला कांगड़ा में आज सात माह बाद भी एक ही बात हर शख्स की जुबां में है और उसका शोर सुनाई दे रहा है कि कांगड़ा ज़िला को कांग्रेस सरकार ने खुड़ेलेन लगा दिया है।

पूर्व मीडिया समन्वयक (मुख्यमंत्री) विश्व चक्षु ने कहा कि अब तक छह माह बीत जाने पर भी भाजपा के लाए बजट और शुरू किए गए कार्यों को होर्डिंग्स में चिपकाकर ही कांग्रेस सरकार व उनके नेता खुश नज़र आ रहे हैं। भाजपा के किए गए कार्यों को श्रेय लेने के लिए हर दिन शहर में बड़े-बड़े होर्डिग्ंस देखने को मिल रहे हैं, जबकि नेता शायद यह भूल रहे हैं कि जिन कार्यों के होर्डिग्ंस उनकी ओर से लगाए जा रहे हैं, वह जयराम सरकार की ओर से केंद्र सरकार से लाने के साथ ही कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए बजट में प्रावधान कर उनकी आगामी प्रक्रिया भी शुरू करवा दी थी।

विश्व चक्षु ने कहा कि इसमें 130 करोड़ के कंवेशंन सेंटर सहित ढग़वार मिल्क प्लांट के नाम भी मुख्य रूप से शामिल हैं। जबकि पर्यटन राजधानी की बात करने पर वर्तमान मुख्यमंत्री नई मंजिलें, नई राहें की तहत कांगड़ा ज़िला के ही बीड़-बिलिगं व पौंग जलाशय में खर्च किए जा रहे करोड़ों के कार्यों को भी भूल रहे हैं और उनमें अपने नाम थोपने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा सह मीडिया प्रभारी विश्व चक्षु ने कहा कि पूर्व सरकार के विकास कार्यों को ही सही अर्थों में ज़मीन में उतारने में भी फेल साबित हो रही है।

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उन्होंने कहा कि कांगड़ा की अनदेखी प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कई बड़े सवाल उठा रही है। आज के समय में जनता भी इस बात से परेशान है कि आखिर हिमाचल राज्य में चल क्या रहा है। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में मौजूदा समय में अधुरी पंगु सरकार चल रही है। पूर्व के समय में भाजपा के कार्यकाल के दौरान कांगड़ा ज़िला को चार से पांच केबिनेट रैंक मिलते रहे हैं, लेकिन इस बार ज़िला कांगड़ा को मात्र एक केबिनेट मंत्री के सहारे छोड़ा गया है।

विधानसभा के शीतलकालीन सत्र में भी सीएम व सरकार तो धर्मशाला पहुंची, लेकिन दूसरी राजधानी के राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ने पहुंचना तक उचित नहीं समझा। चक्षु ने कहा कि सात माह बात भी राज्य सचिवालय में एक भी मंत्री ने कदम नहीं रखे हैं यही बात कांग्रेस सरकार की नाकारात्कता व कांगड़ा को हाशिए में ढकेलने का काम कर रही है। पूर्व जयराम सरकार में रहे मीडिया कोर्डिनेटर टू चीफ़ मिनिस्टर व हिमाचल प्रदेश भाजपा मीडिया सह प्रभारी विश्व चक्षु ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में ज़िला कांगड़ा के महत्व को समझते हुए बड़े व महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स भी शुरू करवाए।

जिसमें देहरा और धर्मशाला में बनने वाली सेंट्रल यूनिवर्सिटी को जल्द से जल्द बनाने के प्रयास, हिमाचल में फोरलेन निर्माण कार्य, कांगड़ा में इन्वेस्टर मीट करवाकर इसे निवेश राजधानी बनाने, पालमपुर को नगर परिषद से नगर निगम बनाने, सौरभ वन विहार पालमपुर को बाढ़ में बहने के बाद जयराम सरकार ने फिर से निखारा है, 130 करोड़ के कन्वेंशन सेंटर को अपने बजट सत्र में बजट का प्रावधान करने, ज़िला कांगड़ा के ढगवार मिल्क प्लांट में 250 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके प्रयास पूर्व जयराम सरकार ने किए हैं। विश्व चक्षु ने कहा कि मोदी सरकार ने एचपी शिवा प्रोजेक्ट हिमाचल को दिया है, इसकी कोस्ट 1292 करोड़ रुपए है।

ब्यूरो रिपोर्ट धर्मशाला

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