नूरपुरः हिमाचल प्रदेश जनजाति विभाग एचपीसीसी के प्रदेश महासचिव व पूर्व कर्मचारी नेता जगदीश चौहान ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से एक शाम कर्मचारियों के नाम कार्यक्रम पर सवाल पूछते हुए कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों जब को यह जवाब दें कि भाजपा सरकार बनने पर 4 साल तक कर्मचारियों को क्यों दरकिनार रखा गया। उनकी क्यों एक बात तक नहीं सुनी गई। यह कार्यक्रम क्यों नहीं शुरू किया गया, 5 सालों में कर्मचारियों की 10 जेसीसी की बैठक होनी चाहिए थी। मगर आपकी सरकार द्वारा 4 सालों में केवल एक बैठक की गई वह भी बेनतीजा साबित हुई तथा साढे 4 साल तक कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया गया।
अब इस के गठन की क्यों जरूरत पड़ी। आप यह कहने में क्यों संकोच कर रहे हैं कि ओ पी एस बंद करने और एनपीएस को लागू करने का फरमान भाजपा सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने जारी किया था। आपके द्वारा कर्मचारियों को क्यों ललकारा गया कि कर्मचारी चुनाव लड़े और पेंशन लें। सरकार द्वारा कई बार कर्मचारियों के नाम पर लोन लेकर कर्मचारी जनता के बीच बदनाम होते रहें। मगर समयब कर्मचारियों को छठे वेतनमान के लाभ क्यों नहीं दिए गए। और अब पे स्केल एरियर की राशि बिना ब्याज टुकड़ों में देकर उसमें भी 10 इनकम टैक्स काटा जा रहा है, जो कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
वर्ष 2016 के बाद रिटायर हुए 40000 से ज्यादा कर्मचारियों की पेंशन संशोधित नहीं हो पाई है। उन्हें आज दिनों तक नए पे स्केल की एक फूटी कौड़ी भी हासिल नहीं हो पाई है। ऐसा क्यों कर्मचारी इन सभी बातों का जवाब चाहते है।मगर सरकार झूठे लारे लप्पा लगाकर कर्मचारियों और पेंशनरों में फूट डालो और राज करो की नीति अपना रही है। इस सरकार को कर्मचारियों की याद तब आती है जब चुनाव आते हैं जब नगर निगम के चुनाव आए तब भी मुख्यमंत्री द्वारा मंडी में कर्मचारियों की बैठक करके उन्हें इस्तेमाल किया, और बाद में फिर दरकिनार किया, अब चुनावों को नजदीक आते देख कर फिर एक शाम कर्मचारियों के नाम पर राजनीति करके कर्मचारियों का बेवकूफ बनाया जा रहा है।
और कुछ छुटभैये कर्मचारी नेता जिन्हें कर्मचारियों की समस्याओं का पता ही नहीं है वह मंत्रियों और मुख्यमंत्री के साथ मात्र अपनी फोटो खिंचवा कर ही वाहवाही लूट रहे हैं। चौहान ने कहा कि सरकार ऐसे कार्यक्रम करके कर्मचारियों को राजनीति का अखाड़ा ना बनाएं, क्योंकि कर्मचारी इतने सस्ते नहीं हैं कि झूठे झांसे में आए तथा आने वाले समय में हिमाचल के कर्मचारी व पेंशनर इसका करारा जवाब देंगे।
नूरपुरः विनय महाजन।