नालागढः जंगली जानवरों से परेशान किसानों के लिए वाइलड डिडेक्टिव मशीन वरदान साबित होगी। इस मशीन के प्रयोग से किसान अपनी कई एकड़ फसल को जंगली जानवरों के आतंक से बचा पाएंगे। यह आधुनिक मशीन जंगली जानवरों के खेतों में आते ही सायरन के साथ-साथ चमचमाती लाइटों से खेतों में चौकीदारी के साथ हर गतिविधि पर पैनी नज़र भी रखेगी। मशीन के साथ एक नाइट विजन कैमरा भी है, जोकि खेतों में आने वाले व्यक्ति के साथ-साथ जंगली जानवरों की भी तस्वीरें कैद करेगी। फिलहाल इस मशीन को लेकर फॉरेस्ट विभाग नालागढ़ का ट्रायल चल रहा है। विभाग द्वारा यह मशीन पहाड़ी क्षेत्र के किसान संजय कुमार गांव तिरला को दी गई है। गौरतलब है कि क्षेत्र में इस समय आवारा गोवंश और जानवरों का आतंक इतना अधिक है।
फसलों की बुवाई के बाद खेत मे फसल को बचा पाना किसान के लिए आसान नहीं है। किसान रात रात भर फसलों की पहरेदारी में जुटे हुए हैं, यह आवारा जानवर सबसे अधिक गेहूं, सरसों, मक्की और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह मशीन छोटे किसान से लेकर बड़े किसानों के बजट में है। मशीन बैटरी द्वारा संचालित होती है, जिसे किसान बिजली और सौर ऊर्जा से चार्ज कर सकते हैं। किसान इसके परिणाम से संतुष्ट भी हैं। किसान बोला अब फसल नहीं हो रही बर्बाद किसान संजय कुमार का कहना है कि इन दिनों मक्की की फसल चल रही है। पहले रोजाना जंगली जानवर फसल बर्बाद कर देते थे लेकिन जब से मशीन लगाई है तब से जंगली जानवर खेतों में आते ही भाग जाते है। उन्होंने बताया कि कई बीघा भूमि बिल्कुल सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि यह मशीन किसानों के लिए लाभ दायक साबित होगी। यह मशीन सोलर सिस्टम के द्वारा चार्ज होती है। जिसमें सायरनए लाइटें व एक कैमरा लगा है। मशीन में लगा इन्फ्रारेड सिस्टम 20 मीटर के दायरें में पशु, पक्षी व जानवर के आते ही ज़ोरदार आवाज़ से बजने व लाइटें चमचमाना शुरू कर देती है। इसके साथ-साथ कैमरे से तस्वीर भी लेती है। कैमरा में आधुनिक तकनीक का सिस्टम लगा है जो कि आस पास की चहल पहल तो कैमरे में क़ैद करती है।
D.A.F.O. नालागढ़ यशुदीप सिंह ने बताया कि एक मशीन वाइल्ड लाइफ डिडेक्टिव को ट्रायल के तौर पर खरीदा था जिसे एक किसान को ट्रायल के तौर पर दी गई है। उन्होंने बताया कि वाइल्ड लाइफ डिडेक्टर मशीन अपने दायरे में आने वाले वाइल्ड लाइफ के आते ही सायरन की आवाज शुरू कर देता है। उन्होंने बताया कि अगर यह मशीन कारगर साबित हुई तो किसानों को मशीन के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह मशीन छोटे किसान भी आसानी से खरीद सकेंगे।
संवाददाताः सुरेंद्र सिंह सोनी।