वन और खनन माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत होगा काम:संजय पराशर

चंद चांदी की सिक्कों की खनक के आगे दांव पर लग गई वन संपदा

Work will be done under zero tolerance policy against forest and mining mafia: Sanjay Parashar
वन और खनन माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत होगा काम:संजय पराशर

डाडासीबा: संजय पराशर ने कहा है कि बीते वर्षों में जसवां-परागपुर क्षेत्र में वन माफिया और खनन माफिया ने पर्यावरण को बुरी तरह से असुंतलित कर दिया है, लेकिन विडंबना यह है कि क्षेत्र में ऐसे लोगों को संरक्षण देने का ही काम हुआ और कार्रवाई के नाम पर मात्र रस्म अदायगी से ज्यादा कुछ नहीं हुआ।

रविवार को कस्बा जागीर, भनेड़, लग, और डाडासीबा पंचायतों में जनसंवाद कार्यक्रम में स्थानीय वासियों से रूबरू होते हुए पराशर ने कहा कि अगर उन्हें प्रतिनिधित्व, जब करने का मौका मिलता है तो वन माफिया और खनन माफिया के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति के तहत कार्य किया जाएगा।

पराशर ने कहा कि चंद चांदी के सिक्कों की खनक के आगे माफिया के लोग अवैध तरीके से जंगलों और जमीन का दोहन करने में जुटे रहे। इसके खिलाफ स्थानीय लोगों ने भी कई बार आवाज उठाई, लेकिन कोई सुनवाई तक करने को तैयार नहीं हुआ।

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संजय ने कहा कि एक तरफ ब्यास नदी का सीना छलनी किया जाता रहा, तो दूसरी तरफ स्वां नदी भी अवैध खनन से धराशायी होती रही। इन नदियों किनारे पड़े कई फीट के गड्ढे यह बताने के लिए काफी हैं कि किस अप्राकृतिक तरीके से दोहन होता रहा। रेत माफिया और पत्थर माफिया क्षेत्र की खड्डों में लगातार सक्रिय रहा।

लेकिन जिन कंधों पर पर्यावरण को बचाने का जिम्मा था, वो आंखें मूंदकर सिर्फ तमाशा ही देखते रहे। पराशर ने कहा कि सड़कों किनारे भी बड़ी-बड़ी पहाड़ियों को खोदने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। कहा कि भगवान न करे कि कभी प्रकृति ने इस क्षेत्र में कभी रौद्र रूप दिखाया तो परिणाम भयानक हो सकते हैं।

पराशर ने कहा कि क्षेत्र में वन काटुओं की भूमिका भी किसी से छिपी नहीं रही है। पराशर ने सवाल किया कि अगर स्थानीय वासियों ने वन माफिया के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए, तो क्यों नहीं ऐसे मामलों की जांच हुई।

संजय ने कहा कि वह पारदर्शी प्रशासन के पक्षधर हैं और नियमों व कानून को ताक पर रखकर चलने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई पर यकीन करते हैं। पराशर ने कहा कि क्षेत्र की वन संपदा को सुरक्षित रखना उनके विजन में शामिल है और हर वर्ष क्षेत्र में दो लाख पौधों का रोपण करना उनके संकल्प में शामिल रहेगा।

संवाददाता : ब्यूरो डाडासीबा

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