दियोटसिद्ध मंदिर में चार माह से बंद पड़ी हुई दुकानें

एसके शर्मा। बड़सर

उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में दुकानदारों को कोविड-19 के चलते सबसे ज्यादा आर्थिक हानि हुई है। अब हालात यह हो गए हैं कि पिछले 4 महीनों में मंदिर परिसर के इर्द-गिर्द जितनी भी दुकानें हैं सभी दुकानदारों की कोई आय प्राप्त नहीं हुई है। इनकी दुकानदारी ऐसी है जो पूरी तरह श्रद्धालुओं पर ही टिकी होती है। बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में मार्च महीने में सिर्फ दो ही दिन मेले चल पाए थे। उसके बाद लॉकडाउन होने के चलते अब तक दुकाने बंद ही पड़ी हैं।

क्षेत्र में अन्य बाजारों के दुकानदारों का तो जैसे तैसे थोड़ा बहुत धंधा तो चल पड़ा है। लेकिन मंदिर परिसर के नजदीक स्थापित दुकानदारों को अब खाने के भी लाले पड़ने लगे हैं। कई लाखों रुपए खर्च करके इन दुकानदारों ने अपनी दुकानों में सामान डलवाया था। जिसकी अदायगी भी अभी तक आढ़तियों को करने को बची है। इतना ही नहीं कई हजारों रुपए का किराया भी इनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कोविड-19 के चलते 2020 का यह साल इन दुकानदारों के लिए आफत बनकर आया है, क्योंकि मार्च से लेकर जून-जुलाई तक ही इन दुकानदारों को पूरे साल के खर्चे के लिए साधन जुटाने होते हैं।

वहीं लोअर बाजार कमेटी के प्रधान संजय कुमार ने कहा कि यह तो ठीक है कि कोविड-19 के चलते धार्मिक स्थलों को बंद करने का फैसला लिया गया था, लेकिन इसका दूरगामी प्रभाव हमारे दुकानदारों पर बुरी तरह पड़ा है। अभी तक कहीं से भी हमें कोई प्रशासनिक सहायता नहीं मिली है। कई दुकानदार तो मजदूरी का काम करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। वही अप्पर बाजार कमेटी के प्रधान संजय कालिया ने कहा कि मेलों के दौरान लगने वाला सामान अब खराब होने लगा है। विशेषकर जो लोग रोड प्रसाद का काम करते हैं। अब बरसात के दिनों में उनका सामान खराब हो रहा है। लाखों रुपए का घाटा होती हो रहा है। ऐसे में बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट व प्रशासन उनकी आर्थिक हानि में सहायता करें। उधर एसडीएम बड़सर प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार के द्वारा एस.ओ.पी जारी कर दी जाएगी, वैसे ही मंदिर खोल को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर को खोलने का निर्णय प्रदेश सरकार के द्वारा किया जाएगा।