हिमाचलः शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जीवनी को सीबीएसई और हिमाचल बोर्ड के पाठ्यक्रम में करें शामिलः एल बत्रा / कमलकांत बत्रा

हिमाचलः शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जीवनी को सीबीएसई और हिमाचल बोर्ड के पाठ्यक्रम में करें शामिलः एल बत्रा / कमलकांत बत्रा

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर
कारगिल युद्ध में दिल मांगे मोर का नारा देकर देश के लिए शहीद होने वाले परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत की कहानी को बॉलीवुड में फिल्म के रूप में दिखाकर सम्मान दिया, पर सरकार जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल नहीं कर पाई। बॉलीवुड की फिल्म शेरशाह में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी को दिखाया गया है।

विक्रम पर बनी बॉलीवुड फिल्म हिट हुई थी। परन्तु विक्रम बत्रा के परिजन चाहते हैं कि उनके बेटे की जीवनी पूरी पाठ्यक्रम में जुड़े जिससे बच्चे शहीदों की बहादुरी से प्रेरणा ले सकें। इस बाबत शहीद बत्रा के पिता केंद्र सरकार को पहले पत्र भी लिख चुके हैं हालांकि अभी तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं आया है।

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परमवीर चक्र विजेता विक्रम बत्रा की बात करें तो बॉलीवुड सम्मान दे चुका है। उनके नाम की बनी शेरशाह में विक्रम बत्रैा की चंडीगढ़ की मंगेतर की लव स्टोरी को देखकर देश की जनता भावुक हो उठी थी लेकिन इसमें बड़ी बात यह है कि विक्रम बत्रा के परिजनों की मांग को आज तक केंद्र और राज्य सरकार पूरी नहीं कर सकी हैं।

टाइगर हिल 4875 फिट पर अपनी शहादत देने वाले विक्रम बत्रा ने 5140 फिट हिल पर पाकिस्तान सेना के कई सैनिकों को मार कर दिल मांगे मोर का नारा दिया था। शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता एल बत्रा व माता कमलकांत बत्रा का कहना है कि वह चाहते हैं कि उनके बेटे की कहानी को सीबीएसई और हिमाचल बोर्ड के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए ताकि देश के युवा उनकी बहादुरी से प्रेरणा ले सकें।

संवाददाताः गौरव कौंडल

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