मक्की खेतों में हो रही पीली, यूरिया खाद लेट मिलने पर किसानों में रोष

खाद वितरण को लेकर गौदाम इंचार्ज को बुलानी पड़ी पुलिस

उज्जवल हिमाचल। गोहर

उपमंडल गोहर में पिछले तीन महीनों से क्षेत्र के किसानों को खाद न मिलने से यँहा के किसानों की मक्की की फसल खेतो में पीली पड़ना शुरू हो गई है। करीब 15 पंचायतों के सैंकड़ों किसानों ने अपने खेतों में मक्की की बिजाई की हुई है लेकिन यूरिया खाद के न मिलने से क्षेत्र के किसानों का सरकार के प्रति कड़ा आक्रोश है। यँहा के किसानों ने विभाग को दर्जनों मर्तवा खाद की माँग को लेकर अवगत करवाया लेकिन किसानों की माँग विभाग पूरी नहीं कर पाया है।

लेकिन जैसे ही आज सुबह (चौगान) चैलचौक में यूरिया खाद की तीन गाड़ियां गौदाम में पहुँची तो क्षेत्र के किसान तुरंत हिम्फेड के गौदाम में पहुंचे व खाद लेने के लिए लंबी लम्बी कतारों में खड़े हो गए।

उल्लेखनीय है कि यँहा के 24 डिपो होल्डरों ने पहले से ही कार्यलय में डेरा जमाएं रखा था कि खाद को अपने डिपुओं में ले जाकर किसानों को खाद मुहिया करवाएंगे लेकिन क्षेत्र के किसानों को ये बात हज़म नहीं हुई। यँहा के किसानों का कहना था कि जब सभी किसान गौदाम में आकर पहुँच ही गए है तो फिर डिपू होल्डर्स को खाद क्यों दी जा रही है।

कड़ी मशक्कत के उपरांत होमगार्ड के जवानों की देखरेख में व सभी डिपु होल्डर्स के सहयोग से हिम्फेड के इंचार्ज ने गौदाम में आए सभी किसानों को एक एक बैग खाद को वितरित किया। हिम्फेड गौदाम गोहर (चैलचौक) के इंचार्ज दामोदर भंडारी ने जानकारी सांझा करते हुए बताया कि हमने विभाग को 7000 बैग यूरिया खाद की डिमांड भेजी थी व डिमांड के हिसाब से शुरुआत में हमें 3 गाड़ियां मिली है जिसमें 720 बैग यूरिया खाद के आए हैं।

हिम्फेड कि इंचार्ज ने माना कि 3 गाड़िया इलाके के लिए पर्याप्त नहीं है किसानों का गुस्सा जायज है भारी बरसात होने के कारण खाद सप्लाई में रुकावट आई है व कल तक दो गाड़ियां और आनी है ताकि क्षेत्र के किसानों को यूरिया खाद के लिए कंही भी भटकना न पड़े।

क्षेत्र के किसानों में भूप सिंह, राज कुमार, रमेश कुमार, मुरारी लाल, इंद्रा देवी, कमल किशोर, प्रेम सिंह,परमा नन्द, लोक पाल, टेक चंद, जीत कुमार, इंद्र सिंह आदि किसानों ने बताया कि विभाग द्वारा प्रतेक किसान को एक एक बोरी खाद की दी जा रही है जबकि यँहा के किसानों को प्रति घर 1 बोरी का मिलना किसानों के साथ भदा मज़ाक है यँहा के किसानों का एकमात्र रोजगार खेती करना है एक परिवार को करीब 10 बोरी की डिमांड रहती है लेकिन विभाग एक एक खाद का बैग दे रहा है जो कि नाकाफ़ी है।

क्षेत्र के किसानों ने सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेताया है कि अगर यँहा के किसानों को समय पर खाद उपलब्ध न करवाई गई तो इसका खामियाजा आने बाले लोकसभा चुनावों में भुगतने को तैयार रहे।

संवाददाताः संजीव कुमार

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