उज्जवल हिमाचल। मंडी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ने जा रही है। इसके तहत स्कूल ऑफ कैमिकल साइंसिज में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत डॉ. गरिमा अग्रवाल को एनएएसआई प्लैटिनम जुबली यंग साइंटिस्ट अवार्ड-2022 से नवाजा जा रहा है। डॉ. गरिमा अग्रवाल को यह पुरस्कार रसायन विज्ञान श्रेणी में नैशनल अकादमी ऑफ साइंसिज इंडिया (एनएएसआई) की ओर से दिया जा रहा है। पुरस्कार में पदक और प्रशस्ति पत्र के साथ 25 हजार रुपए नकद प्रदान दिया जाएगा। डॉ. गरिमा अग्रवाल ने कहा कि यह पुरस्कार रसायन विज्ञान में उनके शोध कार्य का बड़ा सम्मान है।
बता दें कि एनएएसआई यंग साइंटिस्ट प्लैटिनम जुबली अवार्ड 35 वर्ष से कम आयु के भारतीय व प्रवासी नागरिकों को सम्मानित करने के लिए एनएएसआई की पहल है। डॉ. गरिमा अग्रवाल की नियंत्रित रासायनिक संरचना और आकृति विज्ञान के साथ फंक्शनल पॉलीमर और कोलाइडल पार्टिकल विकसित करने में विशेष रूचि है। इसकी प्रेरणा डॉ. गरिमा ने प्रकृति से प्राप्त की है।
यह भी पढ़ेंः जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव नहीं रहे
डॉ. गरिमा की टीम विशेष रूप से उन मैक्रोमोलेक्यूलस की रासायनिक रूपरेखा पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो उत्तेजक प्रतिक्रिया, सैल्फ-असैम्बली और प्रोग्रामेबल डिग्रेडेशन का प्रदर्शन करते हैं। शोध समूह की खास दिलचस्पी नवीन सूक्ष्म सामग्रियों के संश्लेषण में है और यह उनका इस्तेमाल कर इंट्रैक्टिव सामग्रियों को डिजाइन करने के लक्ष्य से कार्यरत है। एक्टिव गुणों के साथ इन सामग्रियों का उपयोग नियंत्रित रिलीज, पौधों की देखभाल, एक्टिव पैकेजिंग, जैव सामग्री, दवा आपूर्ति, टिश्यू इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों में किया जा सकता है।
आखिर क्या है एनएएसआई
देश की सबसे पुरानी विज्ञान अकादमी राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (एनएएसआई) की स्थापना वर्ष 1930 में 5 लाजपत राय रोड प्रयागराज में की गई थी। यह अकादमी भारतीय वैज्ञानिकों के शोध कार्यों के प्रकाशन का राष्ट्रीय मंच प्रदान करती है और विचारों के परस्पर आदान-प्रदान के अवसर देती है।