जसवां-परागपुर : संजय पराशर ने कहा कि उनके लिए सियासत कमाने का जरिया नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है। जसवां-परागपुर क्षेत्र के वासियों से उनका रिश्ता राजनीतिक नहीं, पारिवारिक है। यह पारिवारिक संबंध उनके जीवन की अंतिम सांस तक कायम रहेंगे। शनिवार को पुननी, मनियाला और शांतला पंचायतों में जनसंवाद कार्यक्रमों में स्थानीय वासियों से रूबरू होते हुए कैप्टन संजय ने कहा कि उनके राजनीतिक मैदान में आने से सिर्फ उन चुनिंदा लोगों को ही तकलीफ हो रही है, जिन पर सत्ता का भूत सवार हो गया था। उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों को उनकी राजनीतिक उपस्थिति भी रास नहीं आ रही है। लेकिन लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि यहां जनता द्वारा, जनता के लिए और जनता का शासन ही होता है।
यह अलग बात है कि सत्ता सुख में कुछ लोगों को भ्रम हो जाता है, लेकिन जनता के दरबार में हर चीज का हिसाब देना पड़ता है और भ्रम टूटने में देर भी नहीं लगती। पराशर ने कहा कि नेताओं को लेकर समाज में एक नकारात्मक छवि बनने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि जनता के हितों से ज्यादा अपने और अपनों के स्वार्थ सर्वोपरि हो गए हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में जनसमस्याएं वर्षों से ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। गांवों में मूलभूत सुविधाएं पाने को आज भी ग्रामीण तरस रहे हैं। सरकारी स्कूलों में स्टाफ का अभाव है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बच्चों को दूरदराज के क्षेत्रों में पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई गांवों की बस्तियों में पेयजल संकट हमेशा बना रहता है।
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बेरोजगारी की समस्या ऐसी है कि युवा वर्ग पूरी तरह से हताश व निराश है। स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे हैं। गरीबी उन्मूलन के लिए योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। किसानों की खेतों में सिंचाई सुविधा का प्रावधान अब भी दूर की कौड़ी लगती है। ऐसे में यह साफ है कि तंत्र में व्याप्त खामियों के चलते आम जनता अपने आप को ठगा सा महसूस करती है। ऐसे में जनता का भरोसा जीतना किसी बड़ी चुनौती जैसा है। संजय ने कहा कि आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए स्पष्ट विजन के तहत काम करना होगा। अब जमाना बदल गया है और हम तकनीक का सहारा लेकर अतिरिक्त समय गंवाए योजनाओं को आम आदमी के घर-द्वार तक पहुंचा सकते हैं।
इंटरनेट की उपलब्धता से हिमकेयर कार्ड से ई-श्रम कार्ड बनाने की व्यवस्था पंचायत मुख्यालय पर ही हो सकती है। उन्होंने कहा कि गांववसियों के साथ भविष्य की कार्ययोजना का खाका तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जसवां-परागपुर विस क्षेत्र को पूरे प्रदेश में मॉडल क्षेत्र बनाने के लिए वह समर्पित व प्रतिबद्ध रहेंगे। संजय पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में उन्होंने अपने संसाधनों से जो कार्य किए हैं, उसी रूपरेखा के आधार पर विकास की लंबी लकीर खींचनी हैं और क्षेत्र को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों तक लेकर जाना है। पराशर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से ही अब जसवां-परागपुर क्षेत्र की दशा व दिशा तय होगी।