जसवां-परागपुर: कैप्टन संजय ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र का सबसे बड़ा श्राप बेरोजगारी है। इस समस्या को दूर करने के प्रयासों में बहुत ज्यादा कमी रही है। परिणामस्वरूप युवा वर्ग इस समय खुद को ठगा हुआ महसूस करता है। मंगलवार को क्षेत्र की गुडारा चपलाह पंचायत में आयोजित 49वें महायज्ञ में स्थानीय वासियों को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि अगर रोजगार के अवसरों का सृजन होगा तो क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन भी अपने आप हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने क्षेत्र के जनसवांद कार्यक्रमों में आम जनमानस से रूबरू होते हुए यह देखा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी गरीब व्यक्ति कच्चे व जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं। पढ़ाई में होनहार होने के बावजूद भी बेटियां उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं क्योंकि आर्थिक रूप से अक्षम अभिभावक उन्हें बाहर के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा पर होने वाले खर्च का बोझ उठाने में असमर्थ हैं। पराशर ने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने की जमीन पर आवश्यकता है।
आज भी कई प्राइमरी स्कूल एकमात्र शिक्षक के सहारे चले हुए हैं। कॉलेजों में स्टाफ के कई पद रिक्त हैं। बेरोजगारी की समस्या को लेकर तो जनप्रितनिधत्व कर रहे लोगों ने आंखे मूंद रखी हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के हाल भी बेहाल हैं। उन्होंने कहा कि वह इन समस्याओं के समाधान की जिद्द को लेकर राजनीतिक मैदान में उतरे हैं और जीवन की अंतिम सांस तक जसवां-परागपुर क्षेत्र के वासियों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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संजय ने कहा कि अगर उन्हें क्षेत्र का प्रतनिधित्व करने का अवसर मिलता है तो हर समस्या के हल के लिए व्यवस्था परिवर्तन के तहत कार्य होगा। आम जनता के हित में कैसे कार्य होगा, इसके लिए गांव की चौपाल पर ही स्थानीय वासियों का परामर्श लिया जाएगा। गरीबों के मकान बनाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है और हर वर्ष पांच सौ मकानों के निर्माण में गरीबों को आर्थिक सहयोग दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अधिक से अधिक मकान बन सकें, इसके लिए भी सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में उत्थान के लिए पहले ही दिन से काम शुरू कर दिया जाएगा और प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरा जाएगा। अगर सरकार की तरफ से इस समस्या के समाधान में देरी होती है तो वह अपने खर्च से शिक्षण संस्थानों में स्टाफ उपलब्ध करवाएंगे। इसके लिए क्षेत्र के ही पढ़े-लिखे युवाओं को अवसर प्रदान किया जाएगा।
पराशर ने कहा कि वह जसवां-परागपुर क्षेत्र में विधायक सेवा केंद्र भी खोलेंगे, जहां पर क्षेत्रवासियों की किसी भी आपात स्थिति में मदद करने का प्रत्यन्न किया जाएगा। यह केंद्र हफ्ते के सातों दिन खुला रहेगा और इसमें चौबीस घंटे टीम मौजूद रहेगी। महायज्ञ में क्षेत्र के डेढ़ सौ से ज्यादा परिवारों ने भाग लिया और हवन यज्ञ में आहुतियां डालीं। इस अवसर पर बीडीसी सदस्य अनुज शर्मा, पूर्व पंचायत प्रधान जय कर्ण, राजेन्द्र, कृष्ण कुमार, वासदेव, नीरज कुमार, रजनी देवी, रक्षा देवी कश्मीर चंद, गुरबचन सिंह, रमेश चंद और सुदेश कुमारी भी मौजूद रहे।