डाडासीबा:- कैप्टन संजय ने कहा है कि राजनीति समाज सेवा का माध्यम है, लेकिन निजी हितों और महत्वाकांक्षाओं के चलते अगर अधिकारियाें व कर्मचारियों को तबादलाें का खौफ दिखाया जाए, तो इससे किसी का भला नहीं होने वाला है। बुधवार को समनोली पंचायत में आयोजित 47वें महायज्ञ में पराशर ने कहा कि वह राजनीति के इस गिरते स्तर से बेहद चिंतित हैं।
इसके लिए सब को सोचना चाहिए कि भय का माहौल खड़ा करने वाले आखिर समाज को किस दिशा की तरफ लेकर जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में इसी पंचायत के साथ सटे चिंतपूर्णी कॉलेज भवन, जिसमें अधिकांश बच्चे जसवां-परागपुर क्षेत्र के ही अध्ययनरत हैं, का दौरा किया तो पता चला कि महाविद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया कि काॅलेज भवन का जीर्णोद्धार किया जाएगा और कॉलेज में पुस्तकालय व इंटरनेट की भी व्यवस्था की जाएगी।
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संजय ने कहा कि 27 लाख रूपए से उन्होंने कॉलेज की दिशा व दशा बदलने का प्रयास किया। कॉलेज प्रबंधन ने गत वर्ष उनके द्वारा इस कार्य किए जाने के बाद जब महाविद्यालय में निमंत्रण दिया तो वह हिंदी दिवस के अवसर पर विद्यार्थियाें व कॉलेज स्टाफ के साथ मिले। संजय ने कहा कि कुछ दिनों के भीतर ही कॉलेज के प्राचार्य का तबादला कर दिया गया। पराशर ने कहा कि दुख इस बात का है कि आज तक कॉलेज को स्थाई प्राचार्य नहीं मिल पाया है और इससे सबसे ज्यादा नुकसान विद्यार्थियों का ही हुआ है।
पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में विजन के तहत विकास की बात होनी चाहिए थी, लेकिन विडंबना यह है कि चहेतों को ही तरजीह दी गई और उनका ही सही मायनों में विकास हुआ। गरीबाें की चिंता न पहले किसी को थी और न अब किसी को है। कहा कि अगर उन्हें क्षेत्र का प्रतिनिधित्च करने का अवसर मिलता है तो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा। स्कूलों व कॉलेजों में सारा स्टाफ हो, इसकी व्यवस्था उनकी तरफ से की जाएगी।
अगर सरकारी स्तर पर स्टाफ उपलब्ध होने में कोई दिक्कत पेश आएगी तो वह अपने संसाधनों से इस कमी को पूरा करेंगे। पराशर ने कहा कि चिंतपूर्णी के अस्पताल पर जसवां-परागपुर क्षेत्र के समनाेली सहित अन्य गांवों की आबादी भी निर्भर है। ऐसे में इस अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जा सकता है। इस कार्य को मंदिर न्यास, चिंतपूर्णी के द्वारा भी किया जा सकता है क्योंकि श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे की न्यास के पास सौ करोड़ से ज्यादा की एफडी है।
चूंकि समनाेली व आसपास के गांवों के वासी मेलों में गंदगी व ट्रैफिक जाम के कारण परेशान होते हैं ताे मंदिर ट्रस्ट को भी इन गांवों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए। पराशर ने विजयादशमी की स्थानीय वासियों को बधाई दी और कहा कि अब उन रावणों का अंत भी होना चाहिए, जो सोशल मीडिया पर हमारी बहनों व माताओं के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। इस अवसर पर प्रेम लाल, तीर्थ राम, रीना कुमारी, कांता, सतीश, अजमेर सिंह, जगदीश राम और दिनेश भी मौजूद रहे।
ब्यूरो डाडासीबा।