डाडासीबा : संजय पराशर ने कहा है कि जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। पोस्ट और पॉजिशन को देखकर कुछ लोग अहम में आ जाते हैं, लेकिन सच यही है कि विनम्रता के साथ ही समाज का भला हो सकता है। रविवार को जंडौर, हलेड़, अमरोह और लग पंचायतों में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान स्थानीय वासियों से रूबरू होते हुए पराशर ने कहा कि सकारात्मक बात यह भी है कि समस्याएं भी स्थाई नहीं होती हैं। इसी सोच को लेकर वह जसवां-परागपुर क्षेत्र से राजनीतिक मैदान में है और क्षेत्र की हर समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पराशर ने कहा कि उनके मन में राजनीति में आने की कभी प्रबल इच्छा नहीं रही, लेकिन हालात कुछ ऐसे बने कि उन्हें इसे लेकर गहन चिंतन व मनन करना पड़ा। लेकिन आखिर में यह निर्णय लिया कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के भाग्योदय के लिए उनका इस क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज करवाना आवश्यक है। संजय ने कहा कि उन्होंने कोरोनाकाल का वो दौर भी देखा, जब इस बीमारी के कारण आमजनमानस की सांसे अटकी हुई थीं और हर तरफ भय और निराशा का माहौल था। तब इस क्षेत्र के लिए कथित हितैषी होने का दम भरने वाले दूर-दूर तक नजर नहीं आए।
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संजय ने कहा कि जनता की तकलीफ समझने के लिए यह बड़ा उदाहरण उनके सामने था। हालांकि इस विपदा की घड़ी में उनसे जो बन पड़ा, वो किया भी और कोरोना संक्रमित मरीजों को हौसला देने के लिए भी उन्होंने ऐसे हर घर में पहुंचने का प्रयास किया। इसके बाद जब उन्होंने चिंतपूर्णी कॉलेज और डाडासीबा पुलिस चौकी के भवनों का जीर्णोद्धार करवाया तो वहां संस्थान प्रबंधन के मुखिया का तबादला इसलिए कर दिया गया क्योंकि वहां पराशर ने अपने संसाधनों का उपयोग करके आम जनमानस को सुविधा देने का प्रयास किया था।
संजय ने कहा कि उनके द्वारा आयोजित मेडीकल कैंपों की परमिशन तक रद्द हुईं और उनके साथ काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भी प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। पराशर ने सवाल पूछा कि स्वास्थ्य शिविरों या अन्य विकासात्मक कार्यों से किसी को कोई दिक्कत क्यों होनी चाहिए थी। फिर अगर कोई परेशानी हुई तो क्यों नहीं ऐसे लोगों ने उनसे पहले इस तरह के सामाजिक कार्यों को अंजाम दिया।
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कैप्टन संजय ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके व परिवार के खिलाफ नीचता की सभी हदें पार कर दीं। वह ऐसे लोगों को जबाव देने में पूर्ण रूप से सक्षम थे और हैं भी, लेकिन उन्हें ऐसी मानसिकता पर तरस आता है क्योंकि उन लोगों कों खुद पता नहीं है कि वो किसी के इशारे पर समाज में अपनी क्या छवि बना रहे हैं। पराशर ने कहा कि वह जसवां-परागपुर क्षेत्र में निरर्थक बहस के कतई हिमायती नहीं है। उन्होंने क्षेत्र व क्षेत्रवासियों के लिए विजन रखा है और शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, नारी सशक्तीकरण, गरीबी उन्मूलन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जमीन पर काम करेंगे और जसवां-परागपुर क्षेत्र को मॉडल विधानसभा क्षेत्र बनाना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा।