कुलपति का आह्वान प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया दें, जनता में न हो दहशत 

पशु चिकित्सा आपातकालीन प्रतिक्रिया संचालन पर चार दिवसीय कार्यशाला का आगाज

पालमपुर: चौसकु हिमाचल प्रदेश के डॉ.जी.सी.नेगी पशु चिकित्सा एवम पशु विज्ञान महाविद्यालय में कुलपति प्रो. एच.के.चौधरी ने पशु चिकित्सा आपातकालीन प्रतिक्रिया संचालन पर चार दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।
मुख्य अतिथि प्रो एच.के.चौधरी ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रशिक्षुओं से कहा कि आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दे ताकि जनता में कोई दहशत न हो।

उन्होंने पशु चिकित्सा आपातकालीन प्रतिक्रिया इकाई (वीईआरयू) से पशु चिकित्सकों को आवश्यक उपकरण और कौशल से लैस करने के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए कहा ताकि वे आपात स्थिति और आपदाओं का जवाब देने और जीवन और जानवरों के नुकसान को रोकने और आजीविका बचाने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकें।

यह भी पढ़ेंः हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने किया सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित

प्रो. चौधरी ने गांठदार त्वचा रोग (लम्पी स्किन) जैसी स्थितियों पर चर्चा की और पशुपालकों और अन्य लोगों को त्वरित सलाह जारी करने की भी सलाह दी। प्रोफेसर चौधरी ने परित्यक्त मवेशियों के मुद्दे पर भी चर्चा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में यह एक आपदा का रूप ले सकता है यदि प्रभावी ढंग से निपटा नहीं गया। कुलपति ने संतोष व्यक्त किया कि आपदा प्रबंधन के सिद्धांतों, आपदाओं के दौरान जानवरों के प्रबंधन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बचाव और खोज मिशन, फायर ड्रिल, लाइव पशु बचाव बहाव अभ्यास, भूकंप के खेल और टीम निर्माण अभ्यास जैसी गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की जाए।

डीन डॉ मंदीप शर्मा ने क्षेत्र में वीईआरयू के कामकाज का विस्तार करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। वीईआरयू के संस्थापक समन्वयक डॉ आर कुमार ने बताया कि पालमपुर केंद्र देश के छह केंद्रों में से एक है और केवल उत्तरी क्षेत्र में है। आयोजन सचिव एवं समन्वयक डॉ सुभाष वर्मा ने बताया कि कार्यशाला में 50 प्रशिक्षु एवं 20 संसाधन कर्मी भाग ले रहे हैं। संयुक्त आयोजन सचिव डॉ अंकुर शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।  समारोह में सभी संविधिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य इस कार्यशाला में मौजूद रहे।

ब्यूरो पालमपुर।

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें।