उज्जवल हिमाचल। मंडी
पूरे उत्तर भारत सहित हिमाचल प्रदेश में भी पशुओं में फैली लंपी स्किन डिजीज वायरस से बचाव के लिए पशुपालन विभाग ने सघन टीकाकरण अभियान चलाया है। मंडी जिला की बात की जाए तो अभी तक 1 लाख 11 हजार 90 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। वहीं इस वायरस से 1077 पशुओं की दुखद मौत भी हुई है। जिला में अब तक 3 हजार 315 लंपी वायरस के एक्टिव केस चले हुए हैं।
लंपी वायरस स्किन डिजीज विषाणु जनित बीमारी है। जिला में 2022 से अब तक 16 हजार 475 पशु इस वायरस के शिकार हुए हैं। जिनमें से 1077 पशुओं की मृत्यु हुई है। वहीं 12 हजार 83 पशु इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। पशुपालन विभाग मंडी के उप निदेशक संजय नड्डा ने बताया कि लंपी वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान के तहत एक लाख से अधिक टीके पशुओं को लगाए गए हैं।
36990 वैक्सीन विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध है। जिला में 20 जनवरी तक इस टीकाकरण अभियान को पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले की अपेक्षा जिला में अब रोजाना 20 से 25 केस देखने को मिल रहे है और जल्द ही जिला लंपी फ्री भी हो जाएगा।
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उप निदेशक ने बताया कि लंपी वायरस के उपचार हेतु विभाग ने तीसरी और चौथी तिमाही की दवाइयों की खेप भी खरीदकर सभी चिकित्सा संस्थानों को भेज दी गई है। विभाग द्वारा जिला में जागरूकता वाहनों के माध्यम से लंपी वायरस के प्रति पशु पालकों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लंपी वायरस डिजीज को जैसे ही डिजास्टर एक्ट में लाया जाता है तो पशुपालकों को मृत पशुओं का मुआवजा भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसकी पूरी रिपोर्ट विभाग के माध्यम से सरकार को भेज दी गई है।
संवाददाताः उमेश भारद्वाज
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