सुक्खू सरकार के लिए इन मुद्दों को सुलझाना बड़ी चुनौती

Solving these issues is a big challenge for the Sukhu government
बागवानों और कर्मचारियों के मुद्दों को सुलझाना टेढ़ी खीर

शिमला : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने चुनावों में बहुमत प्राप्त करते हुए भारी जीत हासिल की है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली है। प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ है, अब नए मंत्रीमंडल का गठन होगा। ऐसे में कांग्रेस ने जनता से जो वादे किए थे उनमें कुछ मुद्दें ऐेसे भी हैं जिन्हें पूरा करना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाला है। ये मुद्दें मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के लिए रहेंगे मुख्य चुनौती :

सबसे पहला मुद्दा नवगठित सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के समक्ष बागवानों और कर्मचारियों का रहेगा जो कि किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रदेश में इन मुद्दों को अपना आधार रख कर कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरी थी और जीती भी थी लेकिन इन मुद्दों को हल करना सरकार के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है। हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की निगाहें पुरानी पेंशन बहाली और एरियर भुगतान के लिए सरकार पर टिकी हैं। वहीं बागवान भी राहत की उम्मीद के लिए नई सरकार से आस लगाए बैठे हैं।

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प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले बागवानों और पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर पूर्व भाजपा सरकार ने चुप्पी साधी थी। कांग्रेस इन दोनों वर्गों के मुद्दों को चुनाव में उतारने में पूरी तरह सफल रही है। कांग्रेस हाईकमान ने सुखविंद्र सिंह सुक्खू के हाथों में प्रदेश सरकार की कमान सौंपी है। अब सवाल उठता है कि प्रदेश में गंभीर वित्तीय संकट के बीच सुक्खू सरकार किस तरह इन मुद्दों को सुलझाने में कामयाब होगी?

हिमाचल एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने कांग्रेस की जीत के बाद शिमला में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पूरी उम्मीद जताई है कि प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पुरानी पेंशन बहाल कर दी जाएगी। एनपीएस के कर्मचारी नए मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। वहीं प्रदेश के लाखों बागवान भी कीटनाशकों, फफूंदनाशकों दवाओं और खादों पर उपदान को लेकर उम्मीद पाले हैं।

बागवानों पर पैकिंग सामग्री पर 18 फीसदी जीएसटी की मार भी पड़ रही है। बिचौलियों की मार से सेब बागवान पहले से परेशान हैं। कमजोर विपणन व्यवस्था से फसलों को मंडियों में अच्छे दाम नहीं मिल रहे। यह मुददे चुनाव में भी गरमाए रहे और बागवानों की तत्कालीन जयराम सरकार से नाराजगी का लाभ भी कांग्रेस को मिला है। ऐसे में नई सरकार के लिए किसानों और बागवानों को राहत देना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

संवाददाता : ब्यूरो शिमला

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