इन दो भाईयों की उपलब्धियों ने किया हिमाचल का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन

The achievements of these two brothers have brought laurels to Himachal at the national level.
रामेश्वर शर्मा और दीपक शर्मा जिला चंबा के जनजातिय क्षेत्र भरमौर के हैं मूल निवासी

नूरपुर : देश के नामी प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त हुए दो भाई रामेश्वर शर्मा और दीपक शर्मा हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के जनजातिय क्षेत्र भरमौर के उल्लांसा पंचायत के सुलाखर गांव के मूल निवासी हैं। केवल राज सुपुत्र स्व. विधिया राम का परिवार पिछले कई वर्षों से कांगड़ा के जसूर क्षेत्र में रह रहा है। इसी परिवार के सदस्य रामेश्वर शर्मा और दीपक कुमार द्वारा प्राप्त उपलब्धियों से यह क्षेत्र अनभिज्ञ रहा है। इन दोनों भाइयों ने अपने अध्ययन के दौरान कई अवार्ड और स्वर्णपदक प्राप्त किए हैं। राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं भी तीन-तीन बार उत्तीर्ण की हैं। NET JRF छात्रवृत्ति प्राप्त कर शोध के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों से क्षेत्र का नाम रौशन किया है।

राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष व अखिल भारतीय गद्दी जनजातीय विकास समिति के उपाध्यक्ष मदन भरमौरी की और से डॉ रामेश्वर शर्मा व डॉ दीपक कुमार और उनके समस्त परिवार को हार्दिक बधाई दी गई है। इन भाइयों ने अपनी उपलब्धियों से समस्त गद्दी समुदाय का नाम रौशन किया है। मदन भरमौरी ने कहा कि दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में जनजाति विकास समिति द्वारा इन दोनों भाइयों को सम्मानित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डॉ रामेश्वर शर्मा इस समय ज्योतिष में पीएचडी कर चुके हैं। बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभाग में पूरे मनोयोग से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ दीपक कुमार केमिस्ट्री (इनोर्गैनिक) में एमएससी और एमफिल कर शोध के क्षेत्र में प्रयासरत हैं और बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर दिल्ली यूनिवर्सिटी के करोड़ीमल कॉलेज में हाल ही में नियुक्त हुए हैं।

यह भी पढ़ें : विवाहिता की रहस्यमयी मौत, मायका पक्ष ने ससुराल पक्ष पर लगाया आरोप

इनके परिवारजनों का कहना है कि दोनों भाई डॉ रामेश्वर शर्मा और डॉ दीपक शर्मा पढ़ाई में आरम्भ से ही कुशाग्र बुद्धि के रहे हैं। जब वे दोनों बेरोजगार थे तो गांव के सभी बच्चों को एकत्र कर पढ़ाते थे। केवल पढ़ाई में ही नहीं बल्कि सामाजिक कार्यों में भी इनका बहुत योगदान रहा है। समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ कर ही उन्होंने समाजिक समस्याओं जैसे गरीबी, भूख, अनपढ़ता इत्यादि को महसूस किया है। इसलिए उनका कहना है कि यदि सामर्थ्य हो तो निसंकोच समाज में जरूरतमंद लोगों कि मदद करते रहना चाहिए। रामेश्वर शर्मा और दीपक शर्मा ने अपनी पूरी सफलता का श्रेय अपने दादा-दादी के संघर्ष माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद को ही दिया है।

संवाददाता : विनय महाजन

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।