मंडीः हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में मिशन रिपिट कर रिवाज बदलने का दम भरने वाली भारतीय जनता पार्टी की मंडी जिला के विधानसभा क्षेत्र नाचन में डगर आसान नहीं है। क्षेत्र से भाजपा के टिकट को लेकर वर्तमान विधायक विनोद कुमार और सीएम जयराम ठाकुर के करीबी एवं ग्राम पंचायत गोहर के पूर्व प्रधान ज्ञान चौहान के बीच टिकट के लिए खूब तनातनी चली हुई है।
जिला के 5 विधानसभा क्षेत्रों में अपना खासा प्रभाव रखने वाली नाचन विधानसभा प्रदेश में राजनितिक दलों के बीच शिमला की दौड़ को लेकर सबसे अधिक चर्चा में रहती है। वर्तमान विधायक को लेकर मतदाताओं में बढ़ते रोष और सीएम जयराम ठाकुर के बेहद करीबी ज्ञान चौहान की क्षेत्र में बढ़ती राजनितिक पकड़ क्षेत्र में टिकट आबंटन को काफी अधिक प्रभावित कर रही है।
हाल ही में ज्ञान चौहान द्वारा शिमला के ओकओवर स्थित मुख्यमंत्री आवास में अपने सैंकड़ों समर्थकों सहित सीएम जयराम ठाकुर से भेंट कर अपनी टिकट को लेकर दावेदारी भी पेश कर दी है।
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वहीं, सीएम जयराम ठाकुर द्वारा अपने नाचन विधानसभा क्षेत्र के खयोड़ दौरे के दौरान भी टिकट को लेकर संशय पैदा करने के साथ कार्यकर्ताओं को सिर्फ भाजपा के पक्ष में कार्य करने की नसीहत दी। दौरे के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष भी दोनों पक्षों में जमकर नारेबाजी और सभा स्थल के बाहर सरेआम धक्का-मुक्की हुई थी।
नाचन विधानसभा क्षेत्र का राजनितिक समीकरण
बता दें कि मंडी जिला में कुल 10 विधानसभा क्षेत्र है और सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं। नाचन विधानसभा अनूसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। इस वर्ष कुल 87257 मतदाता अपने मत का प्रयोग करने जा रहे हैं। इनमें 43351 पुरूष और 43906 महिला मतदाता हैं। नाचन विधानसभा क्षेत्र की सीमा जिला के 5 विधानसभा क्षेत्रों से लगती हैं।
इनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र सराज,मंडी सदर, करसोग, बल्ह और सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र हैं। इस कारण इन सभी क्षेत्रों में नाचन विधानसभा क्षेत्र राजनितिक समीकरण बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। पिछले दो चुनावों में नाचन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक विनोद कुमार ने जीत दर्ज की है।
लेकिन लगातार दो बार जीत हासिल करने वाले विधायक विनोद कुमार को एंटी इनकंबेंसी के अलावा चेहतों में विधायक निधि की बंदरबांट,खनन माफिया को संरक्षण और ठेकेदार प्रथा को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप भी लगे हैं। वहीं प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बाद विधायक के खिलाफ उपायुक्त मंडी के पास जांच लंबित है।
संवाददाताः उमेश भारद्वाज