जानें, सवाल पूछने पर चुप क्याें हुए अमेरीकी राष्ट्रपति बाइडेन

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्‍ली

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक बम धमाका एयरपोर्ट के एबे गेट पर और दूसरा धमाका एयरपोर्ट के बाहर बैरन होटल के पास हुआ। दोनों घटनास्थल आस-पास ही हैं। इन हमलों की जिम्‍मेदारी इस्‍लामिक स्‍टेट के खोरासन (ISIS-K) गुट ने ली है। इसकी जानकारी उसने टेलीग्राफ करके दी है। इसी गुट को लेकर पहले से ही संदेह भी जताया जा रहा था। अमेरिका, ब्रिटेन और आस्‍ट्रेलिया ने भी इसको लेकर ही पहले अलर्ट जारी भी किया था। काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए सिलसिलेवार दो आतंकी हमलों के बाद वहां के हालात पल भर में बदल गए।

ये दोनों हमले एक साथ अलग-अलग जगहों पर हुए थे। इन हमलों में 72 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है, जबकि 150 के करीब लोग घायल हुए हैं। इनकी संख्‍या बढ़ भी सकती है। मरने वालों में अमेरिकी सेना के जवान और बच्‍चे भी शामिल हैं। इन हमलों के बाद जब व्‍हाइट हाउस में हुई प्रेस वार्ता के दौरान अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन से इस बाबत सवाल पूछा गया, तो वो खामोश हो गए। अमेरिका ने कुछ दिन पहले अपने नागरिकों को अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि वो काबुल एयरपोर्ट के बाहर मौजूद न रहे। इसके पीछे अमेरिका ने आईएस के हमले की आशंका जताई थी।

गुरुवार को भी अमेरिका ने अलर्ट जारी कर अपने नागरिकों से तुरंत किसी भी सुरक्षित जगह पर जाने के लिए निर्देश दिए थे। ब्रिटेन ने भी ऐसा ही किया था। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह ने इन बम धमाकों को आतंकी घटना बताया है। तालिबान ने भी हमले की निंदा की है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि इन हमलों में घायल और मारे गए अमेरिकी अधिकारियों की संख्‍या बढ़ सकती है। अमेरिकी दूतावास ने धमाके को बहुत बड़ा बताया है और साथ ही कहा है कि धमाकों के बाद गोलीबारी भी हुई थी। काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद फ्रांस ने शुक्रवार को अपने विमानों को न उड़ाने का फैसला किया है। डेनमार्क की आखिरी उड़ान काबुल से रवाना हो चुकी है।

नीदरलैंड्स ने भी कहा है कि फिलहाल विमानों की आवाजाही में काफी खतरा है। अफगानिस्तान के मामले पर विदेश मंत्री ने कहा है कि वहां अस्थिरता का माहौल है। भारत को इस स्थिति में हालात सुधरने का इंतजार करना चाहिए। उन्‍होंने ये भी कहा है कि भारत अपने नागरिकों की वहां से सुरक्षित वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस बारे में भारत हालात देखकर फैसला करेगा। इसके लिए भारत दूसरे मित्र राष्ट्रों के साथ संपर्क में है। भारत ने अपने बयान में हमले की निंदा की है।

भारत ने इन हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्‍यक्‍त की है। भारत ने कहा है कि हमले के बाद और जरूरी हो गया है कि आतकंवाद और आतंकियों को सुरक्षित शरण देने वालों के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट हो। तालिबाान ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और राष्ट्रीय सुलह परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला को काबुल में उनके घरों में नजरबंद कर लिया गया है। इससे पहले तालिबान ने इन दोनों से ही एक साथ सरकार गठन के मुद्दे पर बात की थी और अपनी काउंसिल में शामिल करने को भी कहा था।

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