उज्जवल हिमाचल। डेस्क
पानी में इतनी शक्ति है कि यह सिरदर्द, बदनदर्द, दमा, मिर्गी, मोटापा, बवासीर, कब्ज और हृदय के रोगों को दूर करता है। इसके लिए विशेषज्ञ वाटर थैरेपी का प्रयोग करते हैं।
ऐसे कम होगा तनाव और मोटापा
रात में तांबे के बर्तन में करीब सवा लीटर पानी रख लें और सुबह पीएं। ध्यान रखें कि पानी पीने के 45 मिनट तक कुछ खाए-पीएं नहीं। अगर इतना पानी एक बार में नहीं पी सकते हो तो पहले एक लीटर पानी पीएं, पांच मिनट बाद शेष पानी पीएं। इस प्रक्रिया मोटापा और तनाव कम होता है वहीं पांचनतंत्र भी दुरुस्त होता है। इसके अलावा खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, इससे घुटनों में दर्द होता है।
त्वचा की बीमारियों के लिए रामबाण
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक त्वचा की किसी बीमारी जैसे एग्जिमा (त्वचा में रूखापन, खुजली और लाल धब्बे होना) का इलाज एलोपैथी में कराने के बाद होम्योपैथी ट्रीटमेंट में आता है, तो दवाइयों के जरिए बीमारी को पहले बाहर निकाला जाता है, क्योंकि इनसे त्वचाकी सबसे ऊपरी परत प्रभावित होती है। अगर इन्हें दबा दिया जाए तो यह अस्थमा, जोड़ों के दर्द और हृदय रोगों का कारण भी बन सकती है। इस उपचार में 3 से 6 महीने का समय लगता है। अगर कोई व्यक्ति स्किन की किसी तकलीफ के लिए पहली बार में ही होम्योपैथी इलाज करा लेता है, तो समस्या 15 दिनों से लेकर एक महीने में ठीक हो जाती है।