शुक्रवार को करें इन त्रिदेवियों की पूजा, पायें धन, संपत्ति और प्रेम का वरदान

उज्जवल हिमाचल। डेस्क…

शुक्रवार का दिन देवी मां की पूजा के लिए विशेष होता है। इस दिन आप उनके हर स्वरूप की पूजा हो सकती है। ऐसे में जानें लक्ष्मी, दुर्गा, और संतोषी मां की आराधना का महत्व। इस दिन लोग मिठाई का दान किया जा सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार लगातार 16 शुक्रवार के दिन व्रत रखना बेहद फायदेमंद साबित होता है। इस दिन लोग सफेद रंग के वस्त्र पहनना भी शुभ माना जाता है। शक्ति और दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है। शुक्रवार का व्रत अलग-अलग वजहों से रखा जाता है। कुछ लोग संतान की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखते हैं तो कुछ खुशहाल जीवन के लिए। बाधाओं को दूर करने के लिए शुक्रवार का व्रत बहुत लाभकारी है।

एसे करें मां दुर्गा की पूजा

शुक्रवार का दिन मां दुर्गा का दिन है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने और उनके मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व होता है। आप शुक्रवार के दिन का आरंभ ष्ऊं श्री दुर्गाय नमः के जाप के साथ कर सकते हैं। मां दुर्गा का यह मंत्र मां लक्ष्मी, सरस्वती और काली तीनों शक्तियों की उपासना के लिए है। दुर्गा जी की पूजा के लिए सबसे पहले माता दुर्गा की मूर्ति उनका आवाहन करें। अब माता दुर्गा को स्नान कराएं। स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं। अब माता दुर्गा को वस्त्र अर्पित करें।

इसके बाद उन्‍हें आसन पर स्‍थापित करें, फिर आभूषण और पुष्पमाला पहनाएं। अब इत्र अर्पित करें व तिलक करें। तिलक के लिए कुमकुम, अष्टगंध का प्रयोग करें। इसके बाद धूप व दीप अर्पित करें। ध्‍यान रहे कि मां दुर्गा के पूजन में दूर्वा अर्पित नहीं की जाती है। मां को लाल गुड़हल के फूल अर्पित करें। 11 या 21 चावल चढ़ायें और श्रद्धानुसार घी या तेल के दीपक से आरती करें। अब नेवैद्य अर्पित करें। पूजन के पूरा होने पर नारियल का भोग अवश्‍य लगाएं।10-15 मिनट के बाद नारियल को फोड़े और उसका प्रसाद देवी को अर्पित करने के बाद सबमें बांट कर स्‍वयं भी ग्रहण करें।