95 रुपए प्रति किलो रेट के साथ अडानी की सेब सीजन में एंट्री, कुलदीप राठौर ने रेट को बताया नाकाफी

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

मौसम की मार सेब की फसल को भी झेलनी पड़ी है, परिणामस्वरूप सेब की फसल इस बार पहले से कुछ कम हैं। मंडियों में 120 रुपए किलो बिक रहे सेब के बीच अडानी ने 95 रुपए किलो सेब खरीद के दाम निर्धारित किए हैं। ऐसे में सेब के दाम धड़ाम होने की संभावना जताई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सेब बहुल क्षेत्र ठियोग से कांग्रेस विधायक ने इस मूल्य को बगवानो से बेइमानी करार बताकर सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की हैं।

कुलदीप राठौर ने कहा कि मौसम की मार से बागवानों को काफी नुकसान हुआ है। सेब अन्य वर्षों की तुलना में कम है। मौसम की मार से बागवानों को बेहद नुकसान हुआ है। से सड़के बंद हुई और बागवानों को सेब बाजार तक पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अडानी ने 95 रुपए प्रति किलो रेट प्रीमियम क्वालिटी सेब का रेट तय किया गया जबकि बाज़ार में अच्छी गुणवत्ता वाला सेब 110 से 120 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। अडानी के रेट से सेब की मार्किट पर असर पड़ेगा। ऐसे अडानी समूह को तुरंत प्रभाव से सेब का दाम बढ़ाने चाहिए। उन्होंने बताया कि इस विषय में उन्होंने मुख्यमंत्री से भी बात की है।

यह भी पढ़ेंः शिमला में वन अधिकार अधिनियम की मासिक बैठक का आयोजन

सरकार का अडानी के साथ कोई एग्रीमेंट भी नही हुआ है। यहां पर अडानी को स्टोर के लिए कोडियों के भाव से जमीन दी गई लेकिन अब बागवानों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था उम्मीद है कि सरकार इस पर काम कर रही होगी। वहीं अध्यक्ष बनने की चर्चाओं को लेकर कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि उनकी अध्यक्ष बनने की अभी फिलहाल कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष कौन बनेगा यह आलाकमान तय करेगा वे एआईसीसी प्रवक्ता के पद से खुश हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें