आधुनिकता के दौर के बीच, आज भी इस गांव में नहीं है बिजली, पानी, सड़क की सुविधा

Amidst the era of modernity, even today there is no electricity, water, road facility in this village
गाड़ापारली में आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है मौजूद

कुल्लू : हिमाचल प्रदेश में जहां सरकारें विकास के बड़े-बड़े दावे करती हैं। चुनावों के दौरान अपने-अपने मेनिफेस्टो में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत चीजों को शामिल करते हैं और हर क्षेत्र के लोगों को, गांव-गांव को हर सुविधा दिलाने के बड़े-बड़े वादे करते हैं। लेकिन वहीं जब जमीनी हकीकत पर नजर दौड़ाई जाती है तो विकास के सारे वादे झूठे पड़ जाते हैं। प्रदेश की दर्जनों पंचायतों में आज तक सडक़ सुविधाओं का अभाव है। लोग आज भी बीमार होने की दशा में मरीज को कुर्सियां पलंग पर उठाकर इलाज के लिए दर्जनों किलोमीटर दूर ले जाने को मजबूर हैं।

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की गाड़ापारली पंचायत की दुर्दशा पर शायद आज तक किसी भी सरकार का ध्यान नहीं गया होगा। गाड़ापारली पंचायत के शाकटी, मरोड़, मैल मझान और शुगाड़ गांव सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रख देती है। बंजार विकास खंड के अंतर्गत आने वाली गाड़ापारली पंचायत के इन गांव में अभी तक सडक़, बिजली, स्वास्थ्य, पेयजल और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों को नहीं मिल पाई हैं। आज भी यहां के लोग कुर्सियों में डंडे बांधकर मरीजों को कई किलोमीटर के सफर तय करने के बाद अस्पताल तक पहुंचाने के लिए विवश हैं।

बात करें सैंज घाटी की तो रेला-2 पंचायत के पाशी कुंदर मझान, खडग़चा, मझारना, ठाकुराआदि गांव की भी यही दुर्दशा है। इन लोगों को अपनी मूलभूत और रोजाना सुविधाएं पूरी करने के लिए भी आज भी बर्फीले नदी-नालों से होकर गुजरना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधाओं और खाद्य सामग्री के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर करके अपनी रोजमर्रा की चीजों के लिए पीठ पर सामान ढोकर लाना पड़ता है।

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क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में कोने-कोने तक हर एक व्यक्ति के पास अपना मोबाइल फोन है और कोने-कोने तक मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध है। मगर सैंज घाटी के इस गाड़ापारली क्षेत्र में आज दिन तक न ही बिजली है और न ही मोबाइल नेटवर्क है, जिससे स्कूली बच्चों को भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कई मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।

वहीं दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता चमन लाल ठाकुर ने कहा है कि सैंज घाटी के सडक़ से अछूत सभी क्षेत्रों के लिए सडक़ सुविधा मुहैया हो सकती है, परंतु लोगों को भी इसमें अपनी सहभागिता जतानी होगी। विभाग द्वारा गाड़ापारली पंचायत के लिए सर्वे भी किया जा चुका है। मगर भूमि दान के लिए लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। अगर लोग इसमें अपनी सहभागिता जताते हैं और भूमि दान के लिए आगे आते हैं तो इस क्षेत्र को शीघ्र सडक़ सुविधा से जोड़ा जाएगा।

संवाददाता : ब्यूरो कुल्लू

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