हिमाचलः सचिवालय सेवानिवृत कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

लगाया भेदभाव का आरोप, मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन

उज्जवल हिमाचल। शिमला

1 जनवरी 2016 के बाद प्रदेश सचिवालय से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों ने भतों की अदायेगी न होने से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सेवा निवृत कर्मचारियों ने आज प्रदेश सचिवालय में एकत्रित होकर कमेटी गठित की ओर अपनी मांगे मुख्य सचिव को सौंपी है। सचिवालय कर्मचारियों का कहना है कि उनके भते देने के लिए सरकार की जिम्मेदारी है। अगर पंद्रह दिन के अंदर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटेंगे।

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवानिवृत्त/पेंशनभोगी दिनांक 1.1.2016 से 31.12.2021 के बीच सेवानिवृत्त सचिवालय, आपके विचारार्थ और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए निम्नलिखित बिंदु प्रस्तुत करते हैः-

1. केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार दिनांक 01.04.2019 से वेतन/पेंशन में संशोधन की मंजूरी दी।

1.1.2016 अपने कर्मचारियों / सेवानिवृत्त लोगों के लिए। तदनुसार, एच.पी. सरकार ने अखिल भारतीय संवर्ग के अधिकारियों के पक्ष में केंद्र सरकार VII वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया और दिनांक 01.01.2019 से बकाया और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों सहित उनकी सभी बकाया राशि को एकमुश्त जारी करें।

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4. हिमाचल प्रदेश के सचिवालय कर्मचारी जो 1.1.2022 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें उनके सभी संशोधित सेवानिवृत्ति लाभ जारी किए जा रहे हैं, जबकि 1.1.2016 से 31.12.2021 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को अभी तक संशोधित पेंशन लाभ नहीं मिला है, जो काफी भेदभावपूर्ण और अनुचित है और यह है ऐसे पेंशनरों की आजीविका प्रभावित हो रही है। जैसा कि विदित है कि इन पेंशनधारियों ने 3 दशकों से अधिक समय तक अपनी सेवाएं देने के बाद ये लाभ अर्जित किए हैं।

5. आपके संज्ञान में यह भी लाया जाता है कि कुछ सेवानिवृत्त लोग इस अवधि के दौरान अपने वैध संशोधित सेवानिवृत्त देय राशि प्राप्त किए बिना समाप्त हो गए हैं। और अगर सरकार इन लाभों को जारी करने में और देरी करती है तो कई और बकाया राशि प्राप्त किए बिना समाप्त हो जाएंगे, जो एक कल्याणकारी राज्य के लिए काफी दयनीय है।

इस तरह का भेदभाव सेवानिवृत्त लोगों के वित्तीय मामलों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। सभी कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति योजना की पूर्व संध्या पर अपने वित्तीय मामलों और शेष देनदारियों को उनके देय सेवानिवृत्ति लाभों के मद्देनजर देखते हैं। ग्रेच्युटी, कम्यूटेशन और लीव इनकैशमेंट आदि।

उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जाता है कि हमारे पेंशन संबंधी लाभों को संशोधित किया जाए और हमारे सभी पारस्परिक लाभ/अंतर राशि, यानी, ग्रेच्युटी, पेंशन का कम्यूटेशन और अवकाश नकदीकरण को पहले से ही प्रदान किए गए लाभों की समानता पर तुरंत जारी किया जाए। दिनांक 1.1.2022 के बाद राज्य अखिल भारतीय संवर्ग के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं राज्य सरकार के सेवानिवृत नियोजक

कृपया 15 दिनों की अवधि के भीतर उपरोक्त भेदभाव को दूर कर लाभ जारी किया जाए अगर ऐसा नहीं होता है हमारे पास न्याय पाने के लिए कानून की अदालत में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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