डेस्क: सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लग गया है। अब इन वस्तुओं के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। बांस के उत्पाद तैयार कर रहे ऊना के अजय कुमार कहते हैं कि इनमें से 90 प्रतिशत वस्तुओं की भरपाई बांस से हो सकती है। बंगाणा से संबंध रखने वाले अजय ने लॉकडाउन में बांस के उत्पाद बनाना शुरू किए थे। वह बांस से स्ट्रा तैयार कर रहे हैं।
इसकी मांग पंजाब से आ रही है। बांस के तिरंगे व कैंडी स्टिक की भी मांग है। इसके अतिरिक्त प्लास्टिक के झंडे, प्लास्टिक स्टिक, ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक, कैंडी स्टिक व आइसक्रीम की डंडियों की जगह प्रयोग होने के लिए बांस के उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इस काम में 10 परिवारों को रोजगार दिया है।
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एक स्ट्रा बनाने में 20 मिनट लगते हैं, 15 रुपये खर्च
सीमित संसाधन होने के कारण इस काम में अधिक समय लग रहा है। उत्पाद हाथ से तैयार किए जा रहे हैं। एक स्ट्रा तैयार करने में करीब 20 मिनट लगते हैं और स्ट्रा की लागत 15 रुपये तक आती है। एक स्ट्रा 20 रुपये में बेचते हैं। मांग को देखते हुए मशीन खरीदने की योजना है। मशीन से स्ट्रा बनाने में पांच मिनट लगेेंगे। इस स्ट्रा को एक से अधिक बार प्रयोग किया सकेगा क्योंकि स्ट्रा के साथ ब्रश भी होगा जिससे स्ट्रा की सफाई की जा सकेगी। बांस के एक पेड़ से करीब 500 स्ट्रा तैयार की जा सकती हैं।