डाडासीबाः जसवां-परागपुर क्षेत्र में मिशन रोजगार को लेकर बड़े पैमाने पर काम कर रहे कैप्टन संजय ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के युवाओं को एक बार फिर बड़ा तोहफा दिया है। मर्चेंट नेवी का हब बन चुके पराशर के डाडासीबा कार्यालय में वीरवार को 36 युवाओं का चयन जीपी रेटिंग व सीसीएमसी कोर्स के लिए हुआ है। इन सभी को पराशर ने नौकरी की स्पांसरशिप प्रदान की है। बेरोजगारी खत्म करने की कवायद में जुटे संजय ने फिर से दोहराया कि जसवां-परागपुर क्षेत्र को बेरोजगार मुक्त करना उनके जीवन का लक्ष्य भी है और संकल्प भी है।
अगले एक वर्ष में वह क्षेत्र के पांच हजार बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का वादा करते हैं। दरअसल कोरोनाकाल के बाद से ही पराशर क्षेत्र में रोजगार के साधनों के सृजन के लिए प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में बलियाणा के अभिषेक कौंडल, बणी के साहिल, बस्सी के अंकित, बठरा के नितिन, चौली के आर्यन, गरली के तरूण व अंशुल राणा, मंही के अनिकेत, घमरू, के गौरव, गुरनबाड़ के अनीश कौशल, हलेड़ के अभिषेक, कड़ोआ के प्रियाशुं चौहान, कस्बा जागीर के वरूण, मनियाला के रोबिन राणा, निचला भलवाल के प्रिंस चौधरी, पपलोथर के अभित, रैल के सौरभ, रिड़ी कुठेड़ा से कर्ण ठाकुर व निखिल, समनोली से अंकुश, सेहरी से सक्षम, साहिल व रोहित, स्वाणा से अभिनव, अप्पर परागपुर से प्रवीण, चपलाह से मोहित और नाहन नगरोटा से सौरभ का चयन जीपी रेटिंग कोर्स के लिए हुआ है।
वहीं, सीसीएमसी कोर्स के लिए गुरनबाड़ से अमन कुमार, कलोहा से अभिमन्यू राणा, अप्पर परागपुर से कर्ण, कड़ोआ से कार्तिक धीमान, सूंही से आर्यन, मूंही से अभय, नाहन नगरोटा से मनीष, अप्पर परागपुर से नितिन और सरड़ डोगरी से विशाल ठाकुर चयनित हुए हैं। चुने गए अभ्यर्थियों साहिल, अंकित, निखिल, अभिषेक और अंकुश ने बताया कि वे साधारण परिवारों से संबंध रखते हैं।
उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका चयन मर्चेंट नेवी में उनके ही क्षेत्र में हो जाएगा। पराशर ने उन्हें घर-द्वार पर ही रोजगार का अवसर उपलब्ध करवा दिया, जिसके लिए वह कैप्टन संजय के आजीवन आभारी रहेंगे। वहीं, इन युवाओं के अभिभावकों ललिता देवी, पवन कुमार, वविंद्र सिंह, सुषमा देवी और कृष्ण लाल ने बताया कि पराशर ने उनके बच्चों के भविष्य के लिए जो किया है। उसका आज से पहले उन्होंने न कोई उदाहरण देखा और न ही सुना।
सही मायनों में संजय पराशर जसवां-परागपुर क्षेत्र का भाग्योदय करने के लिए ही आए हैं। संजय पराशर ने कहा कि आज के दौर में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है। कई संस्थानों में प्रशिक्षण लेने के बाद भी युवाओं को रोजगार हासिल करने के लिए भटकना पड़ रहा है। ऐसे में उन्होंने अपनी ओर से प्रयास किया है कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया जा सके। उन्होंने जसवां-परागपुर को बेरोजगार मुक्त करने का सपने देखा है। जिन युवाओं को स्पांसरशिप दी गई हैं, वह प्रशिक्षण हासिल करने के बाद परीक्षा देंगे और फिर उन्हें शिप पर भेज दिया जाएगा।
हिमाचल के युवाओं को मर्चेंट नेवी में नौकरी प्रदान करने के लिए तीन कार्यालय खोले गए हैं, जिनमें नियमित अंतराल के बाद युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। कहा कि अगले पांच वर्ष में 25000 युवाओं को नौकरियां देने के लिए उन्होंने रोड़ मैप तैयार कर लिया है।