डाडासीबाः- संजय पराशर ने कहा है कि उन्होंने अपने विजन डॉक्यूमेंट में हर पंचायत में विकास कार्य करवाने के लिए प्राथमिकता व प्रमुखता दी है। हर पंचायत की अपनी अलग-अलग समस्याएं है, लेकिन एक समान व संतुलित विकास करवाना उनका लक्ष्य रहेगा।
रविवार का क्षेत्र की समनोली पंचायत में जनसंवाद कार्यक्रम में स्थानीय वासियों से रूबरू होते हुए पराशर ने कहा कि अगर उन्हें क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है। तो सरकारी योजनाओं की जानकारी आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए पंचायत मुख्यालयों में ई-सेवा केंद्र खोले जाएंगे।
पंचायतों में आम जनता के लिए इंटरनेट और प्रिंटर की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। कहा कि पंचायत मुख्यालय पर ही हिमकेयर और ई-श्रम कार्ड बनाने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
संजय ने कहा कि गांवों में जर्जर संपर्क मार्गों के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाएगा और उनका प्रयास रहेगा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र का हर गांव एंबुलेंस रोड़ से जुड़ सके।
प्रतिवर्ष 800 किलोमीटर संपर्क सड़कों का निर्माण हो, इस पर पहले दिन से ही काम शुरू कर दिया जाएगा। संजय ने कहा कि पंचायत मुख्यालयों पर लगाए गए सूचना पट्ट बोर्डों पर सरकार ने लाखों रूपए का धन व्यय किया है, लेकिन उनमें से अधिकतम बोर्ड पर आधी-अधूरी जानकारी है।
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इन बोर्ड पर सही व सटीक जानकारी प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जाएगी। पराशर ने कहा कि जिन गांवों में दानवीरों ने सरकार को जमीन दी है और उन पर अभी तक संबंधित विभागों के भवनों का निर्माण नहीं हो पाया है, उन सभी में तीन वर्ष के भीतर सरकारी भवन होंगे। कहा कि गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइ्टस की व्यवस्था करना भी उनके विजन में शामिल है और पंचायतों का चयन करके क्रमवार तरीके से इस पर काम शुरू किया जाएगा।
इसके अलावा हर वर्ष 12 पंचायतों को मॉडल पंचायत बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। संजय ने कहा कि सभी गांवों की बस्तियों की नालियों में सुधार किया जाएगा और उन्हें सही ढंग से ढकने की भी व्यवस्था होगी।
कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को एक-दूसरे गांव से जोड़ने के लिए संपर्क सड़कों और जंक्शन का निर्माण किया जाएगा। दूरदराज के गांवों में परिवहन सुविधाओं को लेकर मुद्रिका बस सेवा में इजाफा किया जाएगा।
पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में कई ऐसे गांव है, जहां पर मोबाइल सिग्नल नहीं है। इसके लिए 25 मोबाइल टावर लगवाए जाएंगे। गांवों में निर्बाध रूप से पेयजल की आपूर्ति हो सके, इसके लिए नई पेयजल परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा।
तो पेयजल संकट के निदान के लिए पुरानी पेयजल परियोजनाओं का विस्तार किया जाएगा। पंचायतों में बंद पड़े कृषि विक्रय केंद्रों को फिर से खोला खोला जाएगा और नए केंद्र भी खोले जाएंगे।
पराशर ने कहा कि गांवों में वर्षा जल संग्रहण के लिए छोटे चौक डैम बनाना और इन चेक बांधों से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाकर सिंचाई सुविधा का प्रावधान किया जाएगा।
इसके साथ ही क्षेत्र में सिंचाई की आधुनिक पद्धतियां अपनाकर किसानों को लाभांवित किया जाएगा। संजय ने कहा कि देश के विकास का रास्ता गांवों से होकर जाता है और उन्होंने हर गांव को स्मृद्ध व खुशहाल बनाने का संकल्प लिया है।
कांगड़ा ब्यूरो।