संगम स्वयं सहायता समूह संगठन बाग की महिलाएं दुसरों के लिए बनी प्रेरणा

सिलाई, कढ़ाई, आचार, चटनी, बैग इत्यादि का निर्माण कर न केवल प्रतिमाह 5 से 6 हजार रूपये की आमदनी अर्जित कर पा रही हैं

The women of Sangam Self Help Group Organization Bagh became an inspiration for others
संगम स्वयं सहायता समूह संगठन बाग की महिलाएं दुसरों के लिए बनी प्रेरणा

उज्जवल हिमाचल। जोगिंद्रनगर

जोगिंद्रनगर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं विभिन्न स्वरोजगार गतिविधियों से जुडक़र न केवल आर्थिक तौर पर सशक्त हो रही हैं, बल्कि समाज में दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित करने का कार्य कर रही हैं। ऐसा ही एक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा गठित संगम संगठन बाग तहसील लडभड़ोल उपमंडल जोगिंद्रनगर जिला मंडी है।

इस संगठन के साथ जुड़े 9 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 125 महिलाएं आर्थिकोपार्जन के लिए सिलाई, कढ़ाई, आचार, चटनी, बैग इत्यादि का निर्माण कर न केवल प्रतिमाह 5 से 6 हजार रूपये की आमदनी अर्जित कर पा रही हैं बल्कि समाज में स्वयं को स्थापित भी किया है।

जब इस बारे संगम स्वयं सहायता समूह संगठन बाग की प्रधान राज कुमारी से बातचीत की उनका कहना है कि संगम संगठन के अंतर्गत 9 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 125 महिलाएं जुड़ी हुई हैं जो आर्थिकोपार्जन की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रतिमाह 5.6 हजार रुपये की आमदनी अर्जित कर रही हैं।

उनका कहना है कि महिलाएं गर्म स्वेटर, कोटी, जुराबें, परांदे इत्यादि बनाने के साथ-साथ विभिन्न तरह के अचार जैसे सूखे सेब, गल-गल, आंवला, आम इत्यादि तैयार कर रही हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न तरह के सजावटी सामान को भी तैयार किया जा रहा है।

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राज कुमारी कहती है कि वर्तमान में खंड विकास कार्यालय परिसर चौंतड़ा में एक दुकान के माध्यम से संगठन की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने का कार्य किया जा रहा है। गत दो से तीन माह के दौरान ही लगभग 50 हजार रुपये से अधिक की आमदनी अर्जित कर ली है। इसके अलावा महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को स्थानीय दुकानदार घरों से ही खरीदकर ले जा रहे हैं। जिससे तैयार माल को बेचने में उन्हे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही है।

संगम संगठन से जुड़ी लगभग 10 महिलाओं को मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के माध्यम से प्रशिक्षित भी किया गया है तथा प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रति महिला 9.9 हजार रुपये की राशि सरकार ने कौशल विकास भत्ता योजना के माध्यम से बतौर प्रोत्साहन राशि मुहैया करवाई है।

जबकि बतौर प्रशिक्षक राजकुमारी को 22 हजार रुपये की राशि प्राप्त हुई है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार गतिविधियां शुरू करने के लिए खंड विकास कार्यालय के माध्यम से 15, 15 हजार रुपये का रिवोल्विंग फंड भी प्राप्त हुआ है। साथ ही कच्चा माल खरीदने एवं संगठन की अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये 3 लाख रुपये का ऋण भी संगठन की महिलाओं ने लिया है।

एसडीएम जोगिंद्रनगर डॉ. मेजर, विशाल शर्मा का कहना है कि जोगिंद्रनगर उपमंडल में कुछ स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं आर्थिकोपार्जन के लिए बेहतरीन गतिविधियां चला रही हैं। ऐसे में इन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को एक बेहतरीन मंच मिले इस दिशा में जोगिंद्रनगर प्रशासन द्वारा आने वाले समय में हर संभव मदद करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने  ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार की दृष्टि विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने पर सराहना की तथा कहा कि जोगिंद्रनगर प्रशासन इन्हें प्रशिक्षित करने की दिशा में मदद करेगा ताकि वे बेहतर कार्य कर सकें।

संवाददाताः जतिन लटावा

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