गांवो में बच्चों के लिए वरदान बने संजय पराशर द्वारा संचालित इंग्लिश लर्निंग सेंटर्स

English Learning Centers run by Sanjay Parashar became a boon for children in villages
गांवो में बच्चों के लिए वरदान बने संजय पराशर द्वारा संचालित इंग्लिश लर्निंग सेंटर्स

डाडासीबा। जीवन में किसी मुकाम पर पहुंचने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों के लिए कैप्टन संजय आज नई उम्मीद बन चुके हैं। अब ऐसे छात्रों को साधनों व मार्गदर्शन के अभाव में नहीं भटकना पड़ रहा है। उज्जवल भविष्य बनाने के लिए विद्यार्थियों के लिए पराशर ने स्कॉलशिप से लेकर अपने कार्यालयों में निशुल्क कोचिंग व गाइंडेंस की व्यवस्था कर रखी है। कंप्यूटर व इंग्लिश सेंटरों के माध्यम से भी युवाओं को सीधा रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जसवां-परागपुर क्षेत्र के 40 गांवों में फ्री इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर सेंटर्स खोले गए हैं, जहां निस्संदेह युवाओं व विद्यार्थियों के लिए निशुल्क कोचिंग व शिक्षा प्राप्त हो रही है। इन केन्द्रों में आसपास के 87 गावों के 2842 विद्यार्थी व युवा शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

दरअसल शिक्षा व रोजगार के विजन पर काम कर रहे पराशर का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्ष में पच्चीस हजार नौकिरयों का सृजन किया जाए। इसके लिए संजय ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। वहीं, इस वर्ष भी कैप्टन संजय एक हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार प्रदान कर चुके हैं। पराशर युवाओं व विद्यार्थियों को हर क्षेत्र में प्रशिक्षित करना चाहते हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों की कंप्यूटर और अंग्रेजी भाषा कमजोर कड़ी रहते हैं और यही कारण होता है कि वे परीक्षा या साक्षात्कार में पिछड़ जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए संजय ने शिक्षा के इस बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। गांवों में शानदार व सकारात्मक परिणाम आने के बाद जसवां-परागपुर क्षेत्र की हर पंचायत में शीघ्र ही ऐसे केन्द्र खोलने की योजना है।

इसके साथ ही अगले वर्ष तक संजय जसवां-परागपुर क्षेत्र में 100 कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर खोलने जा रहे हैं। इनमें से कुछ चयनित केंद्रों में कंप्यूटर कोर्स उतीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को टेली-ईआरपी का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जबकि विद्यार्थियों से कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसके अलावा युवाओं की प्रतिभा को तराशने और प्रशिक्षित करने के लिए निरंतर देश भर से विशेषज्ञों की टीम के साथ बेबीनार करने का भी प्लान तैयार किया है। इंग्लिश लर्निंग सेंटर्स में विद्यार्थियों को दैनिक समाचार पत्र, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मासिक प्रतिकाएं और विज्ञाव अंग्रेजी विषयों की पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं तो इंटरनेट व प्रिंटर की सुविधा होने के कारण भी अब बच्चे हर विषय को प्रशिक्षित स्टाफ की मौजूदगी में आसानी से समझ रहे हैं।

विद्यार्थियों मुस्कान, निखिल, शिवानी,पलक ठाकुर, अंशुल, आयुष और रिद्विमा का कहना है कि पराशर द्वारा संचालित केन्द्र में स्कूल के होमवर्क के अलावा कंप्यूटर व अंग्रेजी भी सिखाई जा रही है और हर दिन किसी नए विषय पर जानकारी प्रदान की जाती है। अभिभावकों राजीव, सरिता, सुमित, राजन, जीत सिंह, गौरव व मनोज ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को जब से इंग्लिश सेंटर में भेजना शुरू कर दिया है, तब से प्रतिभा में निखार साफ देखने को मिल रहा है। बिना किसी खर्च के साथ के गांव में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिसके लिए वह पराशर का आभार जताते हैं। वहीं, संजय का कहना है कि युवा बहुत कुछ करना चाहते हैं। उन्हें सही मार्गदर्शन व मदद की जरूरत है।

कांगड़ा ब्यूरों।

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