तीन दिन नल में पानी नहीं आया तो होगी निःशुल्क टैंकर की व्यवस्थाः पराशर

पराशर ने कहा कि दो वर्ष के भीतर ही जसवां-परागपुर क्षेत्र में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान कर दिया जाएगा।

If water does not come in the tap for three days, free tanker will be arranged: Parashar
तीन दिन नल में पानी नहीं आया तो होगी निःशुल्क टैंकर की व्यवस्थाः पराशर

डाडासीबाः संजय पराशर ने कहा है कि अगर उन्हें जसवां-परागपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त होता है तो क्षेत्र के किसी गांव में अगर लगातार तीन दिनों तक पेयजल की सप्लाई ठप्प रहती है, तो अगले दिन उस बस्ती के लिए निःशुल्क टैंकर भेजने की व्यवस्था की जाएगी, और इसका सारा खर्च वह खुद वहन करेंगे। शुक्रवार को क्षेत्र की तियामल, नंगल चौक, रैल और बाड़ी में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों में पराशर ने कहा कि अब भी सड़क का काम लगा होने से बठरा और जदामण में पानी की पाइपें टूटने के कारण पेयजल सप्लाई बाधित हो रही है। वह इन क्षेत्रों में पानी के टैंकर भेज रहे हैं ताकि आम जनमानस को परेशानी का सामना न करना पड़े।

संजय ने कहा कि क्षेत्र के गांवों में निर्बाध रूप से पेयजल आपूर्ति के लिए नए जल स्त्रोतों से उठाऊ पेयजल परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे पहले उन गांवों का सर्वेक्षण भी करवाया जाएगा, जहां विशेष रूप से गर्मी के मौसम में पेयजल की किल्लत बनी रहती है। पेयजल संकट की समस्या से निपटने के लिए पुरानी पेयजल परियोजनाओं का भी विस्तार किया जाएगा। कहा कि कछ गांवों में अभी पेयजल की स्वच्छ आपूर्ति नहीं हो पाती है। ऐसे गांवों में पेयजल की गुणवत्ता का मॉनिटरिंग व निगरानी की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के हर गांव व हर घर में स्वच्छ जल पहुंचे।

तीन दिन नल में पानी नहीं आया तो होगी निःशुल्क टैंकर की व्यवस्थाः पराशर, वहां पारंपरिक जल स्त्रोतों से पानी लिफ्ट करके बस्तियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। संजय ने कहा कि जल जीवन मिशन के पूरा होने के बाद भी अगर कहीं पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है तो उसके कारण ढूंढ कर इस कमी को पूरा किया जाएगा। संजय ने कहा कि क्षेत्र में कई हैंडपंप खराब पड़े हैं और कुछ का पानी पीने योग्य नहीं रहा है। इसके लिए खराब पड़े हैंडपंपों को ठीक करवाया जाएगा और क्षेत्र में नए हैंडपंप भी लगाए जाएंगे। संजय ने कहा कि क्षेत्र में कई ऐसे पांरपरिक जल स्त्रोत हैंए जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैए उनका जीर्णाेद्धार किया जाएगा।

पराशर ने कहा कि उठाऊ पेयजल परियोजनाओं की कई पाइपें पुरानी हो चुकी हैं, या कई जगहों से पानी की लीकेज होती हैै। जिससे बड़ी मात्रा में पेयजल की बर्बादी होती है। इस समस्या से निपटने के लिए पुरानी या टूटी हुई पाइपों को एक वर्ष के भीतर बदला जाएगा। संजय ने कहा कि जल संरक्षण व प्रबंधन के लिए हर गांव में जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि पेयजल के दुरूपयोग को रोका जा सके।

पराशर ने कहा कि खराब मौसम के कारण कई बार विद्युत सुविधा प्रभावित होती है। इसी के कारण उठाऊ पेयजल परियोजाओं में भी पानी लिफ़्ट नहीं हो पाता है। इस समस्या के समाधान के लिए पयेजल परियोजनाओं के सफल संचालन के लिए जनरेट की व्यवस्था भी की जाएगी। पराशर ने कहा कि दो वर्ष के भीतर ही जसवां-परागपुर क्षेत्र में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान कर दिया जाएगा।

डाडासीबा ब्यूरो।

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