कृषि आदानों पर जीएसटी लागू करना है किसानों का शोषण: निवेदिता नेगी

कृषि आदानों पर जीएसटी लागू करना है किसानों का शोषण: निवेदिता नेगी

उज्जवल हिमाचल। मंडी
कृषि के लिए उपयोग में लाए जाने वाले आदान पर 5 से लेकर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करना किसानों का शोषण है। किसानों को कानून के अनुसार इनपुट टैक्स क्रैडिट मिलने की व्यवस्था की जानी चाहिए। यह बात सोमवार को भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश के प्रांत उपाध्यक्ष कर्म सिंह सैनी ने मंडी में मीडिया के साथ अनौपचारिक बातचीत में कही।
इस मौके पर भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एडीसी मंडी निवेदिता नेगी के माध्यम से ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। कर्म सिंह सैनी ने कहा कि देश में सरकार और जीएसटी काउंसिल के निर्णय के अनुसार पशु और मनुष्य शक्ति चलित यंत्रों पर जीएसटी लागू नहीं होने का सराहनीय कदम उठाया है।

यह भी पढ़ें: हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत सीपीएस किशोरी लाल ने किसानों को प्रशिक्षण के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय जाने के लिए किया रवाना 

लेकिन कृषि में उपयोग होने वाले आदान पर जीएसटी लगाना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल किसानों के साथ जानबूझकर कर सौतेला व्यवहार कर रही है। यदि किसानों को आदान पर जीएसटी देना पड़ता है, तो कानून के अनुसार किसानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलना चाहिए।

लेकिन इसे किसानों को नहीं देने से जीएसटी काउंसिल द्वारा शोषण की व्यवस्था अपनाई जा रही है। भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करता है कि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्रियों के साथ तालमेल बिठाकर जीएसटी काउंसिल के समक्ष किसानों के सभी कृषि आदानों पर जीएसटी को समाप्त करने की मांग को रखा जाए।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।