उज्जवल हिमाचल। शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आज नववर्ष के मौके पर अनाथ बच्चों, एकल नारियों की शिक्षा व अन्य सहायता के लिए मुख्यमंत्री सुखाशय सहायता कोष स्थापित करने का बड़ा ऐलान किया है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 6 हजार अनाथ बच्चों और एकल नारियों को स्कूली शिक्षा के साथ ही किसी भी प्रकार की उच्चतर शिक्षा अथवा जीवन यापन से संबंधित अन्य कोर्सों के लिए सहायता देगी।
वही एकल नारियों को शादी तक में वित्तीय मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने आज शिमला में इस योजना का ऐलान किया। अनाथ बच्चों के लिए माता पिता की भूमिका सरकार निभाएगी और इन्हें त्योहारों में फेस्टिव भत्ता देने के साथ ही जेब खर्च जैसी मूलभूत जरूरतों के में भी मदद की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखाशय सहायता कोष का एलान करते हुए आज शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अनाथ बच्चों के लिए यह योजना सहायता नहीं बल्कि उनका सरकार पर अधिकार है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को अपनी शिक्षा अथवा मूलभूत जरूरतों के लिए माता पिता की तरह सरकार द्वारा सहायता की जाएगी जिसके लिए 101 करोड रुपए का यह कोष स्थापित किया गया है।
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और इस कोष में कांग्रेस के मौजूदा 40 विधायकों द्वारा इस सरकार में अपनी पहली वेतन में से 1.1 लाख की राशी मदद के लिए दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत इन बच्चों को स्कूली शिक्षा के अलावा डॉक्टर, इंजीनियर, पैरामेडिकल एमेडिकल अथवा किसी भी प्रकार की उच्चतर डिग्री या डिप्लोमा अथवा जीवन यापन से संबंधित विभिन्न कोर्सों के लिए फीस के अलावा अन्य मूलभूत खर्च भी प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन अनाथ बच्चों को अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए पैसों की कमी महसूस ना हो इसलिए त्योहारों के समय फेस्टिव भत्ते के अलावा एकल नारियों इस शादी तक में वित्तीय मदद की जाएगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब वह कॉलेज में पढ़ा करते थे, तो उनके साथ उनके एक मित्र भी पढ़ाई करते थे। जिनके सिर पर मां बाप का साया नहीं था। ऐसे में त्योहारों के समय वह खुद को अकेला महसूस करते थे, और पैसे की भी कमी रहती थी।
तभी से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मन में यह ख्याल आया कि क्यों ना ऐसे बच्चों के लिए सरकार मां बाप की भूमिका निभाए इसी को देखते हुए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है जो उनका सरकार में अधिकार है।
संवाददाताः शिमला ब्यूरो।
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